Bihar

विकास समन्वय समिति की बैठक में डीएम द्वारा सरकार की विकासात्मक एवं कल्याणकारी योजनाओं के क्रियान्वयन हुई समीक्षा 

ध्रुव कुमार सिंहमुजफ्फरपुरबिहार

 

 

जिलाधिकारी प्रणव कुमार की अध्यक्षता में विकास समन्वय समिति की बैठक मुजफ्फरपुर समाहरणालय सभाकक्ष में आहूत की गई। बैठक में उप-विकास आयुक्त आशुतोष द्विवेदी, सहायक समाहर्ता श्रेष्ठ अनुपम, डीआरडीए निदेशक चंदन चौहान, डीपीआरओ कमल सिंह के अलावा सभी जिला स्तरीय पदाधिकारी एवं प्रखंडों के प्रखंड विकास पदाधिकारी उपस्थित थे। बैठक में सरकार की विकासात्मक एवं कल्याणकारी योजनाओं के क्रियान्वयन का विभागवार समीक्षा की गई।जिलाधिकारी श्री कुमार ने उपस्थित विभिन्न विभागों के पदाधिकारियों को कहा कि सरकार की योजनाओं का क्रियान्वयन पूरी पारदर्शिता के साथ स-समय करना सुनिश्चित करें। क्रियान्वयन के क्रम में कोताही किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं की जाएगी।वित्तीय वर्ष 2016-17 से 2020-21से संबंधित प्रधानमंत्री आवास योजना, ग्रामीण की समीक्षा के क्रम में निर्देश दिया गया कि  राशि की तृतीय किस्त जहां पेंडिंग है वहां जांचोपरांत नियमानुसार तृतीय किस्त का भुगतान करना सुनिश्चित करें। इसमें सबसे अधिक औराई में 770, कटरा में 407, गायघाट में 346 लाभुकों को तृतीय किस्त किस्त का भुगतान नहीं किया गया है।इस पर नाराजगी प्रकट करते हुए जिलाधिकारी ने निर्देश दिया कि 10 दिन के अंदर इसका निष्पादन करना सुनिश्चित करें अन्यथा करवाई हेतु तैयार रहें.बैठक में बताया गया कि 101624 वास्तविक लक्ष्य के विरुद्ध 100062 का जियो टैग किया गया है। वही कूल 76725 आवास पूर्ण किए जा चुके हैं जो कि सैंक्शन लक्ष्य का 76. 68 परसेंट है। डीआरडीए निदेशक चंदन चौहान के द्वारा बताया गया कि विगत कुछ महीनों से अभियान चलाकर निर्धारित लक्ष्य को पाने के दिशा में प्रभावी कार्य किए गए हैं जिसका परिणाम पूर्ण आवासों की संख्या  में गुणात्मक वृद्धि देखने को मिली है।सबसे अधिक अपूर्ण आवासों की संख्या कटरा में, उसके बाद गायघाट और औराई में पाया गया है। निर्देश दिया गया कि इस माह के अंत तक अपूर्ण आवासों को पूर्ण करना सुनिश्चित किया जाए।साथ ही डीआरडीए निदेशक को निर्देश दिया गया कि इसका सतत अनुश्रवण करना सुनिश्चित करें।बैठक में मुख्यमंत्री वास स्थल क्रय सहायता योजना की समीक्षा के क्रम में निर्देश दिया गया कि निर्धारित लक्ष्य के विरुद्ध त्वरित कार्रवाई करना सुनिश्चित करें। बताया गया कि उक्त योजना के तहत कुल 276 लाभुकों को पेमेंट किया गया है  निर्देश दिया गया कि कैंप मोड में अभियान चलाकर इसकी जांच भी कर ली जाए।सामुदायिक शौचालय की समीक्षा के क्रम में बताया गया कि कुल लक्ष्य 770 के विरुद्ध 454 सामुदायिक शौचालय पूर्ण किए जा चुके हैं। इसमें लचर प्रदर्शन करने वाले प्रखंडों के बीडीओ को निर्देशित किया गया कि कार्य में गति लाते हुए निर्धारित लक्ष्य को प्राप्त करना सुनिश्चित करें।आईसीडीएस की समीक्षा के क्रम में डीपीओ आईसीडीएस के द्वारा जानकारी दी गई कि जिले में कुल स्वीकृत आंगनबाड़ी केंद्रों की संख्या 5617 है। 5525 आंगनबाड़ी केंद्र संचालित हैं जिसके विरूद्ध कुल लाभुकों की संख्या 584951 है।बताया गया कि पोषाहार मद में प्राप्त आवंटन का 87.48 प्रतिशत व्यय किया गया है। मनरेगा के सहयोग से पूर्ण किए गए आंगनवाड़ी केंद्रों की संख्या 12 है।कुल  5525 सेविकाओं और 5034 सहायिकाओं का चयन हुआ है।वही मातृ वंदना योजना के बारे में बताया गया है कि इस की उपलब्धि 122% है।सामाजिक सुरक्षा योजना के समीक्षा के क्रम में जानकारी दी गई कि मुख्यमंत्री वृद्धजन पेंशन योजना के तहत है अब तक कुल प्राप्त आवेदनों की संख्या 158620 है जिसमें से 137700 लोगों को स्वीकृति दी गई है। वही इंदिरा गांधी राष्ट्रीय निशक्तता पेंशन के तहत 94 लाभुकों को स्वीकृति दी गई है। बिहार राज्य निःशक्तता पेंशन के तहत 3900लाभुकों को ,इंदिरा गांधी राष्ट्रीय विधवा पेंशन के तहत 4515 लाभुकों को, लक्ष्मीबाई सामाजिक सुरक्षा पेंशन के तहत 4490 लाभुकों को ,इंदिरा गांधी राष्ट्रीय  वृद्धजन पेंशन योजना के तहत 5695 लाभुकों को  स्वीकृति दी गई है। कबीर अंत्येष्टि अनुदान योजना के तहत जानकारी दी गई कि अब तक 969 लाभार्थी में से 429 लाभार्थियों के खाते में डीबीटी पोर्टल के माध्यम से भुगतान किया जा चुका है। जिलाधिकारी ने निर्देश दिया कि सामाजिक सुरक्षा के तहत सरकार की महत्वपूर्ण कल्याणकारी योजनाओं का क्रियान्वयन होता है। पूरी संजीदा के साथ विभिन्न योजनाओं के क्रियान्वयन को लेकर गंभीरता बरतें।बैठक में जिला लोक शिकायत निवारण की समीक्षा की गई निर्देश दिया गया की जिला लोक शिकायत निवारण एवं अनुमंडल लोक शिकायत निवारण में सुनवाई हेतु लंबित मामलों का निष्पादन शीघ्र करना सुनिश्चित करें। इसमें किसी भी तरह की कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।बैठक में हर घर नल का जल, पक्की नाली, गली, भवन प्रमंडल, जिला कल्याण, जिला अल्पसंख्यक कल्याण ,पीएचईडी की भी समीक्षा की गई। इन योजनाओं के क्रियान्वयन स-समय हो इस बाबत सख्त निर्देश जिलाधिकारी के द्वारा दिए गए.

 

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