मुलायम सिंह और अखिलेश ने नहीं किया काम
उमाशंकर सिंह ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि वे क्षेत्र में लगातार लोगों के बीच जा रहे है। वहां एक ही बात लोग कह रहे है कि क्या समाजवादी पार्टी और बीजेपी के पास इस आजमगढ़ का कोई नेता नहीं था, जिसे टिकट दिया जा सके। उन्होंने कहा कि वर्ष 2014 में मुलायम सिंह यादव यहां सांसद चुने गए, उनकी सरकार प्रदेश में थी। बावजूद वे ऐसा कोई काम नहीं किया। अखिलेश ने भी यही किया। अब फिर उन्होंने धर्मेन्द्र यादव को मैदान में उतार दिया। बीजेपी भी स्थानीय नेता को छोड़कर दिनेश लाल यादव निरहुआ को लेकर आ गई है। उन्होंने कहा कि शाह आलम ने कोरोना जैसी महामारी में अपने जिले के लोगों के लिए दिल खोल कर मदद भी की।
बीजेपी की बी टीम है सपा
उमाशंकर सिंह ने कहा कि धर्मेंद्र यादव का वोट बैंक यादव भी उनक के साथ नहीं है। धर्मेंद्र यादव यहां जीते तो आजमगढ़ उनकी हमेशा के लिए सीट हो जाएगी और फिर यहां के नेता संसद का मुंह नहीं देख पाएंगे। सपा के सीनियर लीडर खुद विरोध में है और भीतरघात कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि बीजेपी की बी टीम समाजवादी पार्टी है, क्योकिं समाजवादी पार्टी अपना वोट मांगने के बजाए केवल बसपा को बीजेपी की बी टीम बताती है। उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव को यह पता है कि अगर अल्पसंख्यक बसपा से जुडें तो फिर बसपा को पकड़ पाना आसान नहीं होगा।