भारत में 19 से 25 दिसंबर तक सुशासन सप्ताह मनाया जा रहा है, जिसका समापन 25 दिसंबर, 2022 को ‘सुशासन दिवस’ के रूप में होगा। इस संदर्भ में और मालदीव और बांग्लादेश के लोक सेवकों के लिए फील्ड प्रशासन में दो सप्ताह के क्षमता निर्माण कार्यक्रम के एक भाग के रूप में 23 दिसंबर, 2022 को गर्वी गुजरात, नई दिल्ली में एक संयुक्त समापन सत्र का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में मालदीव के 27 लोक सेवकों और बांग्लादेश के 39 लोक सेवकों ने हिस्सा लिया।
इस कार्यक्रम में भारत सरकार के विदेश सचिव, श्री विजय मोहन क्वात्रा मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। इसमें राष्ट्रीय सुशासन केंद्र (एनसीजीजी) के महानिदेशक, श्री भरत लाल और दोनों देशों के संकाय सदस्य, प्रशिक्षण दल और प्रतिनिधि भी शामिल हुए।
अपने समापन भाषण में विदेश सचिव, श्री वी एम क्वात्रा ने निर्बाध रूप से सार्वजनिक सेवाएं प्रदान करने में लोक सेवकों की भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने लोगों की आवश्यकताओं और उनकी आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए उदार होने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने लोक सेवकों को जनता की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए एक वैचारिक रूपरेखा तैयार करने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने दोनों देशों के लोक सेवकों से अभिसरण और उद्देश्य की मजबूत भावना को दर्शाने वाले और क्षेत्र के सामूहिक विकास वाले कार्य करने का आग्रह किया। उन्होंने क्षेत्र में साझेदारी को मजबूत करने के लिए प्रगतिशील निर्णय लेने की आवश्यकता पर भी बल दिया।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ‘नेबरहुड फर्स्ट’ नीति के प्रबल समर्थक हैं। अपनापन की इस भावना को आगे बढ़ाते हुए, विदेश मंत्रालय, भारत सरकार के साथ साझेदारी में एनसीजीजी भारत के पड़ोसी देशों के लोक सेवकों को क्षमता निर्माण में सहायता प्रदान करता है। एनसीजीजी नागरिकों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार लाने हेतु सुनिश्चित सार्वजनिक सेवा वितरण प्रदान करने लिए सुशासन और पारदर्शी प्रशासन को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न पहलुओं पर ध्यान देने के साथ-साथ विकासशील देशों की आवश्यकताओं के आधार पर विभिन्न क्षमता निर्माण कार्यक्रमों को डिजाइन और कार्यान्वित करता है। कार्यक्रमों में सूचना, जानकारी, नवाचार और सर्वोत्तम प्रथाओं का आदान-प्रदान करना भी शामिल है जो नागरिक-केंद्रित शासन को बढ़ावा देता है।
अपने मुख्य संबोधन में एनसीजीजी के महानिदेशक, श्री भरत लाल ने विदेश मंत्रालय, भारत सरकार और एनसीजीजी के बीच साझेदारी पर प्रकाश डाला। उन्होंने लोगों के जीवन की गुणवत्ता को बढ़ावा देने के लिए जन-केंद्रित शासन प्रदान करने में लोक सेवकों की भूमिका पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने लोक सेवकों से आग्रह किया कि वे समाज को अपनी सेवाएं प्रदान करें और चल रहे प्रयासों को मजबूती प्रदान करने के लिए नवीनतम नवाचारों और विचारों को साझा करें।
इस सत्र में एनसीजीजी की एसोसिएट प्रोफेसर, श्रीमती पूनम सिंह, बांग्लादेश के लिए कोर्स कॉर्डिनेटर, डॉ एपी सिंह, मालदीव के लिए कोर्स कोऑर्डिनेटर, डॉ संजीव शर्मा और एनसीजीजी टीम के अन्य सदस्यों ने भी हिस्सा लिया।