ध्रुव कुमार सिंह, मुज़फ्फरपुर, बिहार,
सीतामढ़ी के प्राध्यापक पर महाविद्यालय परिसर में हुई गोलीबारी के विरोध में बीआरए. बिहार विश्वविद्यालय सहित विभिन्न महाविद्यालयों में कार्य-बहिष्कार, धरना-प्रदर्शन
बी.आर.ए.बिहार विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (बूटा) एवं बी.आर.ए.बिहार विश्वविद्यालय सेवा शिक्षक संघ (बुस्टा) के संयुक्त आह्वान पर बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर बिहार विश्वविद्यालय की अंगीभूत इकाई श्री राधा कृष्ण गोयनका कॉलेज, सीतामढ़ी के प्राध्यापक डॉ.रवि पाठक पर महाविद्यालय परिसर में हुई गोलीबारी की घटना के प्रतिरोधस्वरुप विश्वविद्यालय के सोशल सांइस ब्लॉक (एक व दो) व लैंग्वेज ब्लॉक सहित सभी स्नातकोत्तर विभागों तथा सभी अंगीभूत महाविद्यालयों में शिक्षकों-शिक्षिकाओं ने कार्य-बहिष्कार करते हुए काला बिल्ला लगाकर धरना-प्रदर्शन व नारेबाज़ी किया। बूटा-बुस्टा शिक्षक संघ द्वय के नेतृत्व ने बताया कि संघ के आपात आह्वान पर अपने शिक्षक साथी पर जानलेवा हमले के प्रतिरोध में बूटा-बुस्टा की सभी इकाइयों में सभी शिक्षकों-शिक्षिकाओं ने काला बिल्ला लगाकर कार्य-बहिष्कार करते हुए धरना-प्रदर्शन किया और सबने इस दुर्भाग्यपूर्ण कृत्य की भर्त्सना और घटना की उच्चस्तरीय जाँच एवं शिक्षकों के जान-माल की सुरक्षा की माँग की। वही बूटा के संरक्षक विधान पार्षद प्रो.संजय कुमार सिंह के नेतृत्व में बूटा महासचिव डॉ.सुनील कुमार सिंह व बुस्टा महासचिव प्रो.रमेश प्र.गुप्ता, बुस्टा उपाध्यक्ष प्रो.जयकान्त सिंह व बूटा सचिव डॉ.कृष्ण कुमार व डॉ.रजनीश गुप्ता का एक प्रतिनिधि मंडल सीतामढ़ी के निजी अस्पताल में भर्ती घायल शिक्षक डॉ.रवि पाठक से मिलकर उनका हालचाल लिया और महाविद्यालय में आयोजित धरना में भी शामिल हुए। विधान पार्षद प्रो.संजय कुमार सिंह एवं बूटा-बुस्टा ने संयुक्त रूप से जिला प्रशासन से मांग किया है कि वह इस घटना के तह में जाकर अविलम्ब अपराधी को पकड़े साथ ही विश्वविद्यालय प्रशासन से भी मांग किया है कि इस घटना के परिप्रेक्ष्य में उच्स्तरीय जाँच कराए। बूटा अध्यक्ष प्रो.अरुण कुमार व बुस्टा अध्यक्ष प्रो.अनिल कुमार ओझा एवं बूटा महासचिव डॉ.सुनील कुमार सिंह व बुस्टा महासचिव प्रो.रमेश प्र.गुप्ता ने संयुक्त रुप से सभी शिक्षक साथियों भविष्य में उन्हें एकजुट रहने को कहा है, ताकि शिक्षक संघ के बैनर तले सब एकजुट होकर आगे की लड़ाई निरंतर लड़ सके। बूटा-बुस्टा शिक्षक संघ द्वय शीघ्र ही विश्वविद्यालय प्रशासन एवं उच्च सक्षम प्राधिकार से मिलकर कड़ा विरोध-पत्र देगा और अपने स्तर से अविलम्ब जाँच व कार्रवाई की मांग करेगा।