Uttar Pradesh

बलरामपुर में पीएम आवास योजना में भ्रष्टाचार, डीएम महेंद्र कुमार ने दो सचिव को निलंबित किया

सिस्टम में भ्रष्टाटार किस कदर हावी है, इसका उदाहरण बलरामपुर में देखने को मिला है। यहां पीएम आवास योजना के पात्रों को ग्राम सचिवों ने अपात्र ठहरा दिया। जांच के बाद डीएम ने सस्पेंड कर दिया।

 

Balrampur-PAY
योगेंद्र त्रिपाठी, बलरामपुर: एक तरफ देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (UP CM Yogi Adityanath) गरीबों और वंचितों को आवास की सुविधा दिलाने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगाते हुए खजाने के द्वार खोले हुए हैं। वहीं, दूसरी तरफ जिन अधिकारियों और कर्मचारियों पर गरीबों को मुफ्त आवासीय सुविधाएं दिलाने की जिम्मेदारी है, वह पैसे न मिलने या अन्य तरह के भ्रष्टाचार में लिप्त होकर पात्रों को अपात्र घोषित कर रहे हैं। इस मामले में बलरामपुर के जिलाधिकारी डॉ. महेंद्र कुमार ने जांच कराई जिसमें प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी मिली। इस मामले में जिले के दो विकासखंडों में तैनात दो ग्राम पंचायत अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया। डीएम डॉ. महेंद्र कुमार के निर्देश पर मामले में एफआईआर दर्ज करा दी गई है।

मामला एक

विकासखंड श्रीदत्तगंज के ग्राम पंचायत गुलहरिहा में प्रधानमंत्री आवास योजना के 25 पात्रों के पास एक एकड़ जमीन दिखाकर सभी को अपात्र घोषित कर दिया गया था। डीएम ने शिकायत मिलने पर गुलरिया के ग्राम सचिव नवीन मिश्रा के कार्यों की जांच करवाई। जांच के दौरान यह पता चला कि ग्रामसभा गुलरिया के किसी भी पात्र व्यक्ति के पास एक एकड़ खेत या पक्का मकान नहीं है। डीएम डॉ. महेंद्र कुमार की ओर से गठित कमेटी की जांच में ग्राम सचिव नीरज मिश्रा दोषी पाए गए। इस कारण से इनके ऊपर कार्रवाई करते हुए निलंबित कर दिया गया है और संबंधित अधिकारी को इनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाने के लिए भी निर्देशित किया गया। संबंधित अधिकारी ने इन्हें निलंबित करते हुए स्थानीय थाने में एफआईआर दर्ज करवा दी है।

मामला दो

विकासखंड हरैया सतघरवा के ग्राम पंचायत अकबरपुर कला में 22 लाभार्थियों और ग्राम पंचायत टेढ़वा में 13 लाभार्थियों को अपात्र कर दिया गया। जांच में किसी भी अपात्र व्यक्ति के पास न तो एक एकड़ खेत मिला और न ही पक्का मकान पाया गया। कमेटी ने यहां तैनात ग्राम सचिव मनोज वर्मा के कार्यों में गड़बड़ी पाई और उसने पूरी रिपोर्ट डीएम डॉक्टर महेंद्र कुमार को सौंपी। जिला कृषि अधिकारी आरपी राना और जिला पिछड़ा वर्ग कल्याण अधिकारी आशीष द्विवेदी की जांच में ग्राम पंचायत अकबरपुर कला में 13 लाभार्थी और ग्राम पंचायत टेढ़वा में 20 लाभार्थी पात्र मिले। डीएम ने ग्राम सचिव मनोज वर्मा को निलंबित करने का आदेश देते हुए इनके भी खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाने के लिए संबंधित अधिकारी को निर्देशित किया। इस मामले में सचिव को निलंबित करते हुए स्थानीय थाने पर एफआईआर भी दर्ज करवा दी गई है।

अधिकारी बोले

जिला पंचायती राज अधिकारी नीलेश प्रताप सिंह ने बताया कि डीएम के निर्देश पर ग्राम पंचायत अधिकारी मनोज वर्मा को निलंबित करते हुए एफआईआर दर्ज करवाने की संस्तुति की गई है। वहीं, श्रीदत्तगंज के गुलहरिया गांव में भी इसी तरह की गड़बड़ी पाई गई है। इस पर ग्राम पंचायत अधिकारी नवीन मिश्र को निलंबित करते हुए मुकदमा दर्ज कराया गया है। मामले में अन्य जांच प्रचलित है। जांच में आगे जो भी तथ्य सामने आएंगे, उसके अनुसार कार्यवाही की जाएगी।

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