खान मंत्रालय ने ऐसे लौह अयस्क खानों का बीज (लीज) रद्द करने का प्रस्ताव किया है जिसमें नीलामी के सात-आठ महीने बाद भी उत्पादन शुरू नहीं हो पाया है। इसके अलावा ऐसे खानों की लीज समाप्त करने का भी प्रस्ताव है जो लगातार तीन तिमाहियों तक न्यूनतम आपूर्ति को कायम नहीं रखा जाता है।]खान मंत्रालय के खनन नियमों में कुछ संशोधनों के जरिये ऐसा करने का प्रस्ताव है। मंत्रालय ने इस पर अंशधारकों से टिप्पणियां मांगी हैं।
रियायती नियम, 2016 में किया जाएगा संशोधन
खान मंत्रालय ने खनिज (परमाणु और हाइड्रो कॉर्बन ऊर्जा खनिजों को छोड़कर), रियायती (संशोधन) नियम, 2021 तैयार किया। मंत्रालय का इंटेलीरल (परमाणु और हाइड्रो कॉर्बन ऊर्जा खनिजों को छोड़कर), रियायती नियम, 2016 में संशोधन का है। मंत्रालय ने संशाधित नियमों के खिलौनेदे पर आम जनता, राज्यों / संघ शासित प्रदेशों की सरकारों, खनन उद्योग, अंशधारकों, उद्योग संघों और अन्य संबंधित लोगों और इकाइयों से टिप्पणियाँ पूछी हैं। ऐसे खानों के कई सफल बोलीकर्ता जिनकी उम्र 31 मार्च, 2020 को समाप्त हो गई है, वे नीलामी और उनके पक्ष में खनन लाइसेंस जारी किए जाने के 7-8 महीने बाद भी उत्पादन शुरू नहीं कर पाए हैं।
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मंत्रालय ने कहा कि इसके अलावा कई अन्य सफल बोलीदाताओं ने उत्पादन शुरू किया तो कर दिया है लेकिन वे #R के नियम 12 ए के तहत उत्पादन और आपूर्ति का स्तर कायम नहीं रख पाए हैं। 31 मार्च, 2020 को जिन परिचालन में और काम कर रहे 46 खानों का बिल समाप्त हुआ था, उनमें से 24 ओडिशा में हैं। इसके अलावा खान खानें कर्नाटक, छह झारखंड, चार आंध्र प्रदेश, दो राज्य, दो गुजरात और एक हिमाचल प्रदेश में हैं। ओडिशा की सभी 24 खानों और कर्नाटक की चार खानों की नीलामी पिछले साल की गई थी।