कुशीनगर में दो क्रय केंद्रों पर ऐसे किसानों से 1084 कुंतल धान खरीद लिया गया, जिनके पास खेती की जमीन ही नहीं है। यह किसान से 22 हजार कंकाल धान खरीदने की तैयारी कर रहा था। एसडीएम के स्तर से सत्यापन कर खरीद की मंजूरी भी दे दी गयी थी। खरीद पोर्टल से शासन स्तर पर शक हुआ तब जांच हुई और अब डीएम ने इस मामले में एक जालसाज किसान, दो क्रय केंद्र प्रभारी व हाटा तहसील के कंप्यूटर ऑपरेटर के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने का निर्देश दिया है। इसके साथ ही गलत सत्यापन के आरोप में एसडीएम हाटा प्रमोद कुमार तिवारी के खिलाफ नोटिस जारी कर अधिसूचना मांगा है।
धान क्रय केंद्र पैकौली और पैकौली एट करमहा केन्द्र पर किसान प्रिन्स कुमार सिंह ने कुल 1084 कुन्तल धान का विक्रय किया है। पोर्टल पर एक ही किसान के नाम 1084 कुंतल धान धड़ पर शासन को शक हुआ। इसके बाद डीएम से पूरे प्रकरण की जांच कराने के लिए खाद्य आयुक्त ने पत्र भेजा। इस पर डीएम ने एडीएम विन्ध्यवासिनी राय व डिप्टी आरएमओ विनय प्रताप सिंह की दो सदस्यी समिति का गठन किया। जांच के बाद टीम ने डीएम को दी गयी रिपोर्ट में कहा है कि किसान द्वारा अपने पंजीयन में अपनी जमीन के विवरण में जिन खाते नम्बरों को दर्ज किया गया है, उसमें न तो किसान प्रिन्स कुमार सिंह का नाम अंकित है और न ही उनके पिता का। जो भी खाता धारक हैं वे रधिया देवरिया ग्राम के किसान हैं। जबकि प्रिन्स कुमार सिंह हाटा तहसील के पैकौली गांव का निवासी है। जांच टीम ने यह भी लिखा है कि किसान के नाम से पंजीयन में दर्ज गाटा खंखा उसकी जमीन ही नहीं है। फर्जीवाड़ा के इस मामले में दोनों क्रय केंद्र के प्रभारी, एसडीएम कार्यालय के कंप्यूटर ऑपरेटर और किसान प्रिंस कुमार सिंह दोषी हैं।
धान शौचालय में गड़बड़ी सामने आने पर जालसाजी करने वाले किसान, हाटा तहसील के कंप्यूटर ऑपरेटर, धान क्रय केंद्र पैकौली एवं पैकौली एट करमहा केंद्र प्रभारी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश जिला प्रबंधक पीसीयू को भेजे गए हैं। एसडीएम हाटा के खिलाफ नोटिस देकर अधिसूचना तलब किया गया है। इस मामले में जो भी दोषी होगा उसको बख्शा नहीं करेगा।
एस राजलिंगम, डी.एम.
विरोध में हुई मारपीट
नियामनुसार सौ कुंतल से अधिक धान की खरीद के लिए ऑफ़लाइन सत्यापन एसडीएम के स्तर से 24 घंटे के अंदर होता है। जांच रिपोर्ट में सामने आया कि किसान प्रिन्स कुमार सिंह के खातों का सत्यापन गलत तरीके से किया गया है। सत्यापन के समय यह देखा ही नहीं गया कि जिन खातों का विवरण किसान द्वारा अपने पंजीयन में दर्ज किया गया है वह सही हैं या नहीं। न ही यह देखा गया कि जिन खातों का विवरण किसान द्वारा दर्शाया गया है, वह उसका है या किसी अन्य किसान का है।
जांच कमेटी ने इनको माना है कि दोषी है
किसान प्रिन्स कुमार सिंह, निवासी पैकौली, धान क्रय केंद्र प्रभारी पैकौली विनय कुमार, धान क्रय केंद्र प्रभारी पैकौली एट करमहा चन्द्रशेखर बर्नवाल और तहसील के कम्प्यूटर आपरेटर मिथिलेश कुमार शर्मा को दोषी मानते हुए केस दर्ज कराने का आदेश हुआ है। इसके अलावा एसडीएम हाटा को भी दोषी माना गया है।