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दिल्ली में भी दिखाई दिया लखीमपुर खीरी की घटना का असर

NH-24 closed by delhi police following lakhimpur kheri incident दिल्ली में भी दिखाई दिया लखीमपुर खीर- India TV Hindi
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दिल्ली में भी दिखाई दिया लखीमपुर खीरी की घटना का असर

नई दिल्ली. रविवार को उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में हुई घटना के बाद राज्य में तनाव है। इस घटना का असर देश की राजधानी नई दिल्ली में भी दिखाई दे रहा है। दिल्ली की सीमाओं पर किसान संगठनों का प्रदर्शन चल रहा है। लखीमपुर खीरी में बवाल के बाद गाजीपुर बॉर्डर को सील कर दिया गया है। दरअसल NH-24 के जरिए दिल्ली-गाजियाबाद को जोड़ने वाले गाजीपुर बॉर्डर का दिल्ली से गाजियाबाद आने वाला मार्ग दिल्ली पुलिस ने बंद कर दिया है जबकि गाजियाबाद से दिल्ली की तरफ जाने वाला NH-24 का हिस्सा किसानों के प्रदर्शन की वजह से पहले से ही बंद है।

दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने ट्वीट कर बताया कि दिल्ली से गाजियाबाद जाने वाला ट्रैफिक अक्षरधाम सेतु से नोएडा और विकास मार्ग से गाजियाबाद की तरफ डायवर्ट किया गया है। इसके अलावा रोड नं. 57ए से हसनपुर कड़कड़ी मोड़ से शाहदरा, आनंदर विहार और गाजियाबाद की तरफ ट्रैफिक डायवर्ट किया गया है। गाजीपुर राउंड अबाउट से रोड नंबर 56 के जरिए आनंद विहार, भोपुरा बॉर्डर गाजीयाबाद की तरफ ट्रैफिक डाय़वर्ट किया गया है।

किसानों का भेष धरकर आंदोलन करने वाले कभी कामयाब नहीं होंगे- दिनेश शर्मा


उत्‍तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री डॉक्टर दिनेश शर्मा ने रविवार को कहा कि ‘किसानों का भेष धरकर आंदोलन करने वाले, विपक्ष से हाथ मिला कर उसकी तरह काम करने वाले कभी कामयाब नहीं होंगे।’’ शर्मा ने कहा, ‘‘जो असली किसान है वह देश का नागरिक है और देश हित में, राष्ट्रहित में सीमा से लेकर हर जगह कुर्बानी के लिए तैयार रहता है। लेकिन जो विपक्ष में बैठकर किसान का ठप्पा लगाकर आंदोलन करने पर उतारू है वह कभी कामयाब नहीं होंगे।”

फिरोजाबाद के टूंडला तहसील के गांव इमलिया में एक किसान महापंचायत को संबोधित करते हुए उपमुख्यमंत्री ने आज कहा, ‘‘जब भी देश को किसी संकट का सामना करना पड़ा है, किसान देश के लिए आगे आया है।” शर्मा ने केंद्र की विभिन्न कल्याणकारी योजनाएं गिनाते हुए कहा, ‘‘जब विपक्ष को कोई नेता नहीं मिलता है, तो वह हैदराबाद से किसी को बुलाता है, और कहता है कि योगी सरकार सांप्रदायिक है।” उपमुख्यमंत्री ने कहा, ”हम हर वर्ग के विकास और प्रगति के लिए काम कर रहे हैं और 2022 में उत्तर प्रदेश का विधानसभा चुनाव विकास के मुद्दे पर लड़ा जाएगा।”




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