
जानकी जयंती की कथा पढ़ें (क्रेडिट: इंस्टाग्राम / हिंदुभक्त)
जानकी जयंती 2021 कथा- हर साल माता सीता का जन्म फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। कन्यात के रूप में इस दिन मिथिला के राजा जनक और रानी सुनयना की गोद में माता के चरण II थे।
मां सीता के जन्म की कथा:
पौराणिक कथाओं के अनुसार, माता सीता जी वेदवती नाम की एक स्त्री का पुनर्जन्म था। वेदवती विष्णु जी की परमभक्त थी और वह उन्हें पति के रूप में पाना चाहती थी। इसलिए भगवान विष्णु को प्रसन्न करने के लिए वेदवती ने कठोर तपस्या की।
यह भी पढ़ें: जानकी जयंती 2021: कल है जानकी जयंती, जानें क्या है पूजा का शुभ मुहूर्त और महत्वकहा जाता है कि एक दिन रावण वहाँ से निकल रहा था जहां वेदवती तपस्या कर रहे थे और वेदवती की सुंदरता को देखकर रावण उस पर मोहित हो गया था। रावण ने वेदवती को अपने साथ चलने के लिए कहा लेकिन वेदवती ने साथ जाने से इंकार कर दिया। वेदवती के मना करने पर रावण को गुस्सा आ गया और उसने वेदवती के साथ दुर्व्यवहार करना चाहा रावण के स्पर्श करते ही वेदवती ने खुद को भस्म कर लिया और रावण को श्राप दिया कि वह रावण की पुत्री के रूप में जन्म लेंगी और उसकी मृत्यु का कारण बने। बैगी।
कुछ समय बाद मंदोदरी ने एक कन्या को जन्म दिया। लेकिन वेदवती के श्राप से भयभीत रावण ने जन्म लेते ही उस कन्या को सागर में फेंक दिया। जिसके बाद सागर की देवी वरुणी ने उस कन्या को धरती की देवी पृथ्वी को सौंप दिया और पृथ्वी ने उस कन्या को राजा जनक और माता सुनैना को सौंप दिया।
जिसके बाद राजा जनक ने सीता का पालन पोषण किया और उनकी शादी श्रीराम के साथ संपन्न हुई। फिर वनवास के दौरान रावण ने सीता का अपहरण किया जिसके कारण श्रीराम ने रावण का वध किया और इस तरह से सीता रावण के वध का कारण बनीं। (अस्वीकरण: इस लेख में दी गई जानकारी और सूचना सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं। हिंदी न्यूज़ 18 इनकी पुष्टि नहीं करता है। इन पर अमल करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से संपर्क करें)