अनुसूचित जनजातियां ( एसटी ) भारत की जनसंख्या के लगभग 8.6 प्रतिशत हैं जिनकी संख्या लगभग 10.4 करोड़ है। भारत के संविधान के अनुच्छेद 342 के तहत 730 से अधिक अनुसूचित जनजातियां अधिसूचित हैं। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के ‘ सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास ‘ के विजन के अनुरुप, भारत सरकार ने जनजातियों के विकास तथा उनकी विरासत और संस्कृति के संरक्षण पर प्राथमिकता के रूप में ध्यान केंद्रित किया है।
जनजातीय कार्य मंत्रालय ने इस विजन और जनजातियों के कल्याण के लिए अपनी स्थायी प्रतिबद्धता के अनुरुप वित्तीय संसाधनों के सवंर्धित आवंटन, प्रयासों के संयोजन, मंत्रालय के योजना निर्माण तथा कार्यान्वयन तंत्र की पुनर्रचना के माध्यम से क्षेत्रीय विकास के लिए खुद को तैयार किया है।
2022 के दौरान जनजातीय कार्य मंत्रालय की प्रमुख विशेषताएं इस प्रकार रही हैं :
– वित्त वर्ष 2022-23 के लिए जनजातीय कार्य मंत्रालय के लिए 8451 करोड़ रुपये के बजट परिव्यय में 12.32 प्रतिशत की उल्लेखनीय वृद्धि
वित्त वर्ष 2022-23 के लिए बजट परिव्यय में जनजातीय कार्य मंत्रालय के लिए 8451 करोड़ रुपये का बढ़ा हुआ कुल बजट परिव्यय निर्धारित किया गया है जबकि वित्त वर्ष 2021-22 के लिए बजट परिव्यय 7524.87 करोड़ रुपये का रहा था। इस प्रकार, इसमें 12.32 प्रतिशत की बढोततरी की गई है।
अनुसूचित जनजाति घटक के रूप में 87,584 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की गई है जबकि इससे पिछले वर्ष यह राशि 78,256 करोड़ रुपये रही थी। अनुसूचित जनजातियों के कल्याण एवं जनजातीय क्षेत्रों के विकास के लिए 41 केंद्रीय मंत्रालयों द्वारा यह राशि आवंटित किए जाने की आवश्यकता है।
– जनजातीय कार्य मंत्रालय ने 1 अप्रैल 2022 से 31 दिसंबर 2022 तक डीबीटी के माध्यम से 26.37 लाख जनजातीय छात्रों को छात्रवृत्ति संवितरित की
– जनजातीय कार्य मंत्रालय ने 1 अप्रैल 2022 से 31 दिसंबर 2022 तक 2637669 छात्रों को विभिन्न छात्रवृत्ति योजनाओं नामतः अनुसूचित जनजाति के छात्रों के लिए मैट्रिक-पूर्व छात्रवृत्ति, अनुसूचित जनजाति के छात्रों के लिए मैट्रिक-पश्चात छात्रवृत्ति, अनुसूचित जनजाति के छात्रों के लिए उच्चतर शिक्षा के लिए राष्ट्रीय अध्येता स्कीम, अनुसूचित जनजाति के छात्रों ( टौप क्लास ) के लिए उच्चतर शिक्षा के लिए राष्ट्रीय छात्रवृत्ति स्कीम, अनुसूचित जनजाति के छात्रों को विदेशों में पढ़ने के लिए राष्ट्रीय ओवरसीज छात्रवृत्ति के लिए 2149.70 करोड़ रुपये की एक राशि संवितरित की।
( छात्रवृत्ति वार विवरण अनुबंध 1 में संलग्न हैं )
– राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू ने 15 नवंबर 2022 को जनजातीय गौरव दिवस समारोहों का नेतृत्व किया
राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू ने इस वर्ष 15 नवंबर 2022 को जनजातीय गौरव दिवस समारोहों का नेतृत्व किया। जनजातीय गौरव दिवस पर 15 नवंबर को राष्ट्रपति ने झारखंड के खूंटी जिले में उलिहातु गांव ( भगवान बिरसा मुंडा के जन्म स्थान ) का दौरा किया तथा उन्हें पुष्पांजलि अर्पित की।
गांवों और सुदूर क्षेत्रों सहित कश्मीर से कन्याकुमारी तक और गुजरात से अरुणाचल प्रदेश तक विभिन्न समारोहों और कार्यक्रमों की योजना बनाई गई थी। युवाओं का मार्च एवं राज्यों की राजधानियों में राज्यों के जनजातीय कलाकारों द्वारा प्रदर्शनों, सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन, संगोष्ठी/कार्यशालाओं का आयोजन, निबंध, गायन, नृत्य, क्रीड़ा तथा चित्रकारी प्रतियोगिताओं जैसे कई कार्यक्रमों का आयोजन किया गया था। राज्य सरकारों तथा राज्य जनजातीय अनुसंधान संस्थानों के सहयोग से देश भर में स्वच्छता अभियानों का भी आयोजन किया गया।
– उपराष्ट्रपति एवं राज्यसभा के सभापति श्री जगदीप धनकर ने जनजातीय गौरव दिवस 2022 पर पुष्पांजलि अर्पित की
उपराष्ट्रपति एवं राज्यसभा के सभापति श्री जगदीप धनकर ने अन्य संसद सदस्यों तथा जनजातीय कार्य मंत्रालय के अधिकारियों और अन्य लोगों के साथ जनजातीय गौरव दिवस 2022 पर 15 नवंबर 2022 को संसद भवन परिसर में ऐतिहासिक जनजातीय स्वतंत्रता सेनानी भगवान बिरसा मुंडा को पुष्पांजलि अर्पित की।
– जनजातीय छात्रों के लिए राष्ट्रीय शिक्षा सोसाइटी ने कई कार्यक्रमों का आयोजन किया
i- ईएमआरएस शिलान्यास और उद्घाटन समारोह
वित्त वर्ष 2022-23 में केंद्रीय एवं राज्य स्तर के गणमान्य व्यक्तियों द्वारा 20 ईएमआरएस के लिए आधारशिला रखी गई। इन विद्यालय की स्थापना 6 राज्यों के 14 जिलों में की जा रही है। 20 विद्यालय में से 11 नागालैंड में, 5 ओडिशा में तथा एक-एक गुजरात, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और मणिपुर में है। ये विद्यालय देश के सबसे सुदूर पहाड़ी एवं वन क्षेत्रों में स्थित हैं। ( सूची अनुबंध 2 में है)
राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू नागालैंड में 10 ईएमआरएस के लिए आधारशिला रखते हुए
केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्री श्री अर्जुन मुंडा महाराष्ट्र के ईएमआरएस सुरगुना के लिए आधारशिला रखते हुए
प्रगतिशील भारत तथा इसके लोगों, संस्कृति तथा उपलब्धियों के 75 वर्षों के गौरवशाली इतिहास का समारोह मनाने के लिए भारत सरकार की एक पहल, आजादी का अमृत महोत्सव के एक भाग के रूप में वित्त वर्ष 2022-23 में केंद्रीय एवं राज्य स्तर के गणमान्य व्यक्तियों द्वारा 12 ईएमआरएस का उद्घाटन किया गया है। उद्घाटन किए गए 12 विद्यालयों में से 4 विद्यालयों का उद्घाटन आंध्र प्रदेश में, 2-2 विद्यालयों का उद्घाटन अरुणाचल प्रदेश एवं केरल में एवं 1-1 विद्यालय का उद्घाटन गुजरात, सिक्किम, तमिलनाडु तथा तेलंगाना में किया गया। ( सूची अनुबंध 3 में है )
ii- सांस्कृतिक मिलन 2022
जनजातीय छात्रों के लिए राष्ट्रीय शिक्षा सोसाइटी ( एनईएसटीएस ) ने 31 अक्टूबर से 2 नवंबर 2022 तक कर्नाटक के बंगलुरु में ईएमआरएस राष्ट्रीय सांस्कृतिक समारोह का आयोजन किया। इस ऐतिहासिक अवसर पर जनजातीय कार्य राज्य मंत्री श्रीमती रेणुका सिंह सरुता मुख्य अतिथि थीं।
iii- ईएमआरएस खेल बैठक 2022
ईएमआरएस खेल बैठक 2022 के तीसरे संस्करण का आयोजन 17 दिसंबर से 22 दिसंबर 2022 तक किया गया। जनजातीय कार्य राज्य मंत्री श्रीमती रेणुका सिंह सरुता द्वारा इस समारोह का आधिकारिक रूप से उद्घाटन किया गया। खेलो इंडिया की भावना की झलक दिखाते हुए ईएमआरएस राष्ट्रीय खेल बैठक छात्रों के बीच खेलों में भागीदारी की एक मजबूत भावना पैदा करती है जो जनजातीय छात्रों के पास स्वाभाविक रूप से होती है और जिसमें वे निपुण होते हैं। ये बैठकें जनजातीय छात्रों की खेलों में बेशुमार क्षमता प्रदर्शित करने में महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वाह करेंगी।
iv – ईएमआरएस शिक्षक को राष्ट्रीय पुरस्कार
राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू ने नई दिल्ली के विज्ञान भवन में सिक्किम के एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय (ईएमआरएस) गंगयेप के एक सक्षम तथा असाधारण प्राचार्य श्री सिद्धार्थ योनजोन को राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार-2022 प्रदान किया। श्री सिद्धार्थ योनजोन ने ईएमआरएस गंगयेप की प्रतिष्ठा को बढ़ाने में उल्लेखनीय योगदान देने के द्वारा अपने पेशे के प्रति अपनी प्रतिबद्धता और लगन प्रदर्शित की है और विद्यालय को नई ऊंचाइयों तक ले गए हैं। वह इस प्रतिष्ठित पुरस्कार को प्राप्त करने वाले किसी ईएमआरएस विद्यालय के तीसरे शिक्षक हैं। इसे प्राप्त करने वाले दो अन्य शिक्षकों में 2021 में छत्तीसगढ़ के बस्तर के करपावांड, करपवंड, बकावंड के एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय के लेक्चरर श्री प्रमोद कुमार शुक्ला तथा 2020 में उत्तराखंड के देहरादून के जोगला, कलसी एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय की उप प्राचार्य श्रीमती सुधा पैनुली शामिल हैं।
-झारखंड, त्रिपुरा, उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु, कर्नाटक, हिमाचल प्रदेश एवं छत्तीसगढ़ राज्यों की अनुसूचित जनजातियों की सूची में कुछ विशेष समुदायों के समावेशन अनुसूचित जातियों/अनुसूचित जनजातियों की सूची में संशोधन
1- समुदायों के शिड्यूलिंग के संबंध में अधिसूचनाएं
क्रम संख्या | आदेश का नाम | अधिसूचना की तिथि | राज्य/यूटी का नाम जिसके लिए लागू है ( जैसाकि संशोधित है) | शामिल किए गए समुदाय |
1. | संविधान ( अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति ) आदेश ( संशोधन ) अधिनियम 2022 ( 2022 की संख्या 8 ) | 8.4.2022 | – झारखंड | i. अनुसूचित जातियों की सूची में क्रम संख्या 3 में सूचीबद्ध भोग्ता को हटाया गया
ii. अनुसूचित जनजाति की सूची में एक नई प्रविष्टि के रूप् में पूरन को शामिल किया गया और iii. अनुसूचित जनजाति की सूची में क्रम संख्या 16 में प्रविष्टि, खरवार के पर्यायवाची के रूप में भोग्ता, देशवारी, गंझू, दौतालबंदी (दवालबंदी ), पटबंदी, राउत, माझिया, खैरी, ( खेरी ) का समावेशन iv. अनुसूचित जनजाति की सूची में क्रम संख्या 24 में ‘ मुंडा‘ के पर्यायवाची के रूप में तमरिया/तमाडिया का समावेशन |
2. | संविधान ( अनुसूचित जनजाति ) आदेश ( संशोधन ) अधिनियम 2022 ( 2022 की संख्या 9 ) | 18.4.2022 | त्रिपुरा | त्रिपुरा राज्य की अनुसूचित जनजाति की सूची में प्रविष्टि 9 में ‘ कुकी ‘ की उप-जनजाति के रूप में दारलोंग |
3. | संविधान ( अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति ) आदेश ( द्वितीय संशोधन ) अधिनियम 2022 ( 2022 की संख्या 20 ) | 24.12.2022 | उत्तर प्रदेश | उत्तर प्रदेश के संत कबीरनगर, कुशीनगर, चंदौली एवं भदोही जिलों में गोंड, धुरिया, नायक, ओझा, पठारी, राजगोंड |
2- संसद के दोनों सदनों से विधेयक पारित लेकिन माननीय राष्ट्रपति की सहमति की प्रतीक्षा में
क्रम संख्या | विधेयक का नाम | समुदाय | स्थिति
|
|
संविधान ( अनुसूचित जनजाति ) आदेश ( द्वितीय संशोधन ) विधेयक 2022 ( तमिलनाडु राज्य के संबंध में ) | कुरिविक्रम के साथ-साथ नरकोरिवन | कैबिनेट की मंजूरी – 14/09/2022
लोकसभा में प्रस्तुत 09/12/2022 लोकसभा में पारित 15/12/2022 राज्यसभा में पारित 22/12/2022 माननीय राष्ट्रपति की सहमति की प्रतीक्षा में, जैसे ही सहमति प्राप्त होगी इसे एक अधिनियम के रूप में अधिसूचित कर दिया जाएगा
|
|
संविधान ( अनुसूचित जनजाति ) आदेश (चौथा संशोधन ) विधेयक 2022 ( कर्नाटक राज्य के संबंध में ) | कर्नाटक की अनुसूचित जनजाति की सूची में क्रम संख्या 16 में ‘ कादु कुरुबा ‘ के पर्यायवाची के रूप में बेट्टा-कुरुबा | कैबिनेट की मंजूरी – 14/09/2022
लोकसभा में प्रस्तुत 09/12/2022 लोकसभा में पारित 19/12/2022 राज्यसभा में पारित 22/12/2022 माननीय राष्ट्रपति की सहमति की प्रतीक्षा में, जैसे ही सहमति प्राप्त होगी इसे एक अधिनियम के रूप में अधिसूचित कर दिया जाएगा
|
3- संसद में लंबित विधेयक
क्रम संख्या | विधेयक का नाम | समुदाय | स्थिति
|
1. | संविधान ( अनुसूचित जनजाति ) आदेश ( तीसरा संशोधन ) विधेयक 2022
( हिमाचल प्रदेश राज्य के संबंध में ) |
अनुसूचित जनजाति की सूची में सिरमौर जिले के ट्रांस गिरि क्षेत्र के ‘ हट्टी ‘ समुदाय को शामिल करना, उन समुदायों को बाहर करना जो हिमाचल प्रदेश राज्य के लिए अनुसूचित जातियों के रूप में पहले से ही अधिसूचित हैं
|
कैबिनेट की मंजूरी – 14/09/2022
लोकसभा में प्रस्तुत 09/12/2022 लोकसभा में पारित 16/12/2022 स्थिति राज्यसभा में लंबित आगामी बजट सत्र में आगे की कार्रवाई की जा सकती है
|
2. | संविधान ( अनुसूचित जनजाति ) आदेश ( पांचवां संशोधन ) विधेयक 2022 ( छत्तीसगढ़ राज्य के संबंध में )
|
निम्नलिखित समावेशन हैं:
-प्रविष्टि संख्या 5 में भारिया भूमिया के पर्यायवाची के रूप में भूईंया, भूईयां, भूयां – बिना इसके अंग्रेजी वर्जन को परिवर्तित किए भारिया का भरिया के रूप में संशोधन, नामतः प्रविष्टि संख्या 5 में भरिया – प्रविष्टि संख्या 5 में पंडो के रूपांतर देवनागरी वर्जन के रूप में पांडो के साथ साथ पंडो, पण्डो, पन्डो – प्रविष्टि संख्या 14 में धनवार के पर्यायवाची के रूप में धनुहार/धनुवार – अंग्रेजी टेक्स्ट में बिना परिवर्तन के एसटी सूची में प्रविष्टि संख्या 15 में गदबा – प्रविष्टि संख्या 16 में देवनागरी वर्जन के एक रूपांतर के रूप में गोंड के साथ साथ गोंड़ – प्रविष्टि संख्या 23 में कोंध के साथ साथ कोंद – प्रविष्टि संख्या 27 में देवनागरी वर्जन के एक रूपांतर के रूप में कोडाकू के साथ साथ कोड़ाकू – प्रविष्टि संख्या 32 में नगेसिया, नागासिया के पर्यायवाची के रूप में किसान – ‘ धांगड़ ‘ के विस्थापन के द्वारा प्रविष्टि संख्या 33 में अधिसूचित हिन्दी वर्जन में ‘ धनगढ़‘ का संशोधन – प्रविष्टि संख्या 41 में सावर, सवरा के पर्यायवाची के रूप में सौंरा, संवरा – प्रविष्टि संख्या 43 में बिंझिया
|
कैबिनेट की मंजूरी – 14/09/2022
लोकसभा में प्रस्तुत 09/12/2022 लोकसभा में पारित 21/12/2022 स्थिति- राज्यसभा में लंबित आगामी बजट सत्र में आगे की कार्रवाई की जा सकती है
|
– गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने नई दिल्ली में राष्ट्रीय जनजातीय अनुसंधान संस्थान का उद्घाटन किया
जनजातीय कार्य मंत्रालय द्वारा आजादी का अमृत महोत्सव समारोहों के एक हिस्से के रूप में , गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने 7 जून, 2022 को नई दिल्ली में राष्ट्रीय जनजातीय अनुसंधान संस्थान का उद्घाटन किया।
एनटीआरआई एक प्रमुख और सर्वोच्च राष्ट्रीय स्तरीय संस्थान है और इसकी परिकल्पना अकादमिक, कार्यकारी और विधायी क्षेत्रों में जनजातीय विचारो, मुद्दो तथा मामलों के आधार के रूप में की गई है। यह अन्य विख्यात अनुसंधान संस्थानों, विश्वविद्यालयों, संगठनों तथा अकादमिक निकायों एवं संसाधन केंद्रों के साथ सहयोग और नेटवर्क स्थापित करता है। यह 27 जनजातीय अनुसंधान संस्थानों (टीआरआई ), उत्कृष्टता केंद्रों (सीओई), एनएफएसटी के शोध विद्वानों की परियोजनाओं की निगरानी भी करता है तथा इसने अनुसंधान एवं प्रशिक्षण की गुणवत्ता में सुधार के लिए मानदंड स्थापित कर रखे हैं।
–जनजातीय कार्य मंत्रालय ने अनुसूचित जनजाति के सांसदों की उपस्थिति में 23 जुलाई 2022 को जनजातीय पद्म पुरस्कार विजेताओं को सम्मानित किया
भारत की 15वीं राष्ट्रपति बनने पर श्रीमती द्रौपदी मुर्मू की ऐतिहासिक विजय का समारोह मनाते हुए जनजातीय कार्य मंत्रालय ने 23 जुलाई 2022 को नई दिल्ली में राष्ट्रीय जनजातीय अनुसंधान संस्थान में देश भर के जनजातीय पद्म पुरस्कार विजेताओं तथा अनुसूचित जनजाति के सांसदों की मेजबानी की।
– संविधान के अनुच्छेद 275 (1) के तहत अनुदान
संविधान के अनुच्छेद 275 (1) के प्रावधान के कार्यक्रम के तहत, अनुसूचित क्षेत्रों में प्रशासन के स्तर को बढ़ाने तथा जनजातीय लोगों के कल्याण के लिए अनुसूचित जनजाति की आबादी वाले 26 राज्यों को अनुदान जारी किया जाता है। यह एक विशेष क्षेत्र कार्यक्रम है और राज्यों को 100 प्रतिशत अनुदान प्रदान किया जाता है। शिक्षा, स्वास्थ्य, कौशल विकास, आजीविका, पेयजल, स्वच्छता आदि के क्षेत्रों में अवसंरचना कार्यकलापों में अंतरालों को कम करने के लिए एसटी जनसंख्या की महसूस की गई आवश्यकताओं के आधार पर फंड जारी किए जाते हैं।
– जनजातीय विकास के लिए प्रत्येक वर्ष डीएपीएसटी/टीएसपी फंडों को निर्धारित करने के लिए 42 केंद्रीय मंत्रालयों/विभागों को अधिदेशित किया गया है
भारत के संविधान के अनुच्छेद 342 के तहत देश के विभिन्न राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों (यूटी) में फैले 730 से अधिक अनुसूचित जनजातियां अधिसूचित हैं। नवीनतम दिशानिर्देशों के अनुसार, जनजातीय कार्य मंत्रालय के अतिरिक्त, 41 केंद्रीय मंत्रालय/ विभाग डीएपीएसटी फंड के रूप में अपने कुल योजना आवंटन का एक निश्चित प्रतिशत निर्धारित कर रहे हैं। डीएपीएसटी फंड का व्यय प्रत्येक वर्ष वचनबद्ध केंद्रीय मंत्रालय/ विभागों द्वारा देश में अनुसूचित जनजातियों के त्वरित सामाजिक आर्थिक विकास के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, सिंचाई, सड़क, आवास, पेयजल, बिजलीकरण, रोजगार सृजन, कौशल विकास आदि से संबंधित उनकी योजनाओं के लिए किया जाता है। इसके अतिरिक्त, राज्य सरकरों से भी कुल राज्य योजना के संबंध में राज्य में एसटी आबादी ( जनगणना 2011 ) के अनुपात में जनजातीय उप योजना ( टीएसपी ) फंडों को निर्धारित करने की अपेक्षा की जाती है।
जनजातीय कार्य मंत्रालय ने 9 अगस्त 2022 को केंद्रीय मंत्री श्री अर्जुन मुंडा के साथ 378 स्कूलों के ईएमआरएस छात्रों के एक वर्चुअल परस्पर वार्ता ‘ संवाद ‘ का आयोजन किया
जनजातीय कार्य मंत्रालय ने 9 अगस्त 2022 को विश्व के देशज लोगों के अंतरराष्ट्रीय दिवस पर नई दिल्ली में राष्ट्रीय जनजातीय अनुसंधान संस्थान में केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्री श्री अर्जन मुंडा तथा केंद्रीय जनजातीय कार्य तथा जलशक्ति राज्य मंत्री श्री बिश्वेसर टुडु के साथ 378 स्कूलों के ईएमआरएस छात्रों के एक वर्चुअल परस्पर वार्ता ‘संवाद‘ का आयोजन किया। 378 ईएमआरएस वर्चुअल तरीके से परस्पर वार्ता सत्र में शामिल हुए।
खूंटी में मेगा स्वास्थ्य शिविर आयोजित, 60,000 से अधिक लोगों ने भाग लिया
जनजातीय कार्य मंत्रालय, आयुष मंत्रालय एवं स्थानीय प्रशासन ने संयुक्त रूप से झारखंड में 26 जून, 2022 को मेगा स्वास्थ्य शिविर आयोजित किया। देश भर के 350 से अधिक चिकित्सक सिकल सेल रोग, रक्तहीनता तथा अन्य रोगों के लिए 60,000 से अधिक जनजातीय लोगों के उपचार के लिए एकत्रित हुए। स्वास्थ्य मेले में, चिकित्सकों ने लोगों की निशुल्क जांच की तथा निशुल्क दवाइयां बांटीं।
–केंद्रीय मंत्री श्री अर्जुन मुंडा ने पालघर में ‘मंथन शिविर‘ का उद्घाटन किया
केंद्रीय मंत्री श्री अर्जुन मुंडा ने 14 जुलाई 2022 को महाराष्ट्र के पालघर में जनजातीय समुदायों की अधिकारिता, कल्याण तथा विकास पर एक दो दिवसीय संगोष्ठी ‘मंथन शिविर‘ का उद्घाटन किया। केंद्रीय जनजातीय कार्य राज्य मंत्री श्री बिश्वेसर टुडु भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
संगोष्ठी में एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालयों, राज्य शुल्क निर्धारण समिति, अनुदान विभाग तथा जनजातीय संग्रहालयों, जो स्वतंत्रता सेनानी भगवान बिरसा मुंडा की जयंती पर ‘जनजातीय गौरव दिवस‘ का आयोजन करते हैं, द्वारा आजादी का अमृत महोत्सव के तहत विभिन्न कार्यक्रमों पर ध्यान केंद्रित किया गया। इसमें अनुसूचित जनजाति घटक (https://stcmis.gov.in/) जनजातीय आबादी के स्वास्थ्य एवं शिक्षा पर चर्चा भी शामिल थी।
महाराष्ट्र के अतिरिक्त, जम्मू कश्मीर, बिहार, छत्तीसगढ़, हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, गोवा, झारखंड, पश्चिम बंगाल, मणिपुर, त्रिपुरा, गुजरात, दादर एवं नागर हवेली, असम, मिजोरम, मेघालय, अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम, नागालैंड, आंध्र प्रदेश, तमिल नाडु के जनजातीय कल्याण विभागों के प्रतिनिधियों ने भी संगोष्ठी में भाग लिया।
-जनजातीय कार्य मंत्रालय ने 17 फरवरी, 2022 को तेलंगाना के राज्य महोत्सव मेदराम जाथारा को अपार उत्साह के साथ समर्थन दिया
आजादी का अमृत महोत्सव के तहत, भारत सरकार ने घोषणा की है कि जनजातीय संस्कृति और विरासत 2022 का आकर्षण होगी। मेदराम जाथारा का आयोजन देवी सम्मक्का और देवी सरलाम्मा के सम्मान में किया जाता है। इसका आयोजन दो साल में एक बार ‘‘ माघ‘‘ ( फरवरी ) महीने में पूर्णिमा के दिन किया जाता है। विभिन्न गांवों के कई एसटी वहां इकट्ठा होते हैं और लाखों तीर्थयात्री पूरे उत्साह के साथ त्यौहार मनाने के लिए मुलुगु जिले में आते हैं।
जनजातीय कार्य मंत्रालय ने मेदराम जाथारा 2022 से संबंधित विभिन्न कार्यकलापों के लिए 2.26 करोड़ रुपये की मंजूरी दी है। मेदराम जाथारा भारत का दूसरा सबसे बड़ा मेला है जिसे तेलंगाना के दूसरे सबसे बड़े जनजातीय समुदाय- कोया जनजाति द्वारा चार दिनों तक मनाया जाता है। जनजातीय कार्य मंत्रालय द्वारा इस महोत्सव को निरंतर समर्थन दिए जाने का उद्वेश्य जागरुकता पैदा करना तथा आगंतुकों और तेलंगाना के जनजातीय समुदायों के बीच एक सामंजस्यपूर्ण बंधन का निर्माण करना है। इसके अतिरिक्त, यह उनकी अनूठी जनजाजीय परंपरा, संस्कृति और विरासत को संरक्षित करने में जनजातीयों की सहायता करता है तथा वैश्विक स्तर पर उनके जनजातीय इतिहास को बढ़ावा देता है।
– वन अधिकार अधिनियम (एफआरए) वर्ष 2022 के दौरान उपलब्धियां, अनुसूचित जनजाति एवं अन्य पारंपरिक वनवासी (वन अधिकारों की मान्यता) अधिनियम, 2006
जम्मू एवं कश्मीर ने वन अधिकार अधिनियम का कार्यान्वयन आरंभ किया।
वन अधिकार अधिनियम के तहत टाइटिल उपराज्यपाल श्री मनोज सिन्हा द्वारा एक जनजातीय परिवार को प्रदान किया जा रहा है
राज्य सरकारों से प्राप्त सूचना के अनुसार, 30.06.2022 तक 44,46,104 वन अधिकार दावे ( 42,76,844 व्यक्तिगत दावे तथा 1,69,260 सामुदायिक दावे ) दायर किए गए हैं और 22,35,845 टाइटिल ( 21,33,260 व्यक्तिगत टाइटिल तथा 1,02,585 सामुदायिक टाइटिल ) वितरित किए जा चुके हैं और एकड़ में वन भूमि की सीमा 1,60,30,640.68 ( 45,,48,119 व्यक्तिगत तथा 1,14,82,521 सामुदायिक )। एसटी और अन्य पारंपरिक वन वासी ( वन अधिकारों की मान्यता ) अधिनियम, 2006 के तहत कुल 39,09,688 (87.94 प्रतिशत) दावों का निपटान किया जा चुका है।
कैलेंडर वर्ष के दौरान, एफआरए के प्रभावी तथा त्वरित कार्यान्वयन के लिए राज्य सरकारों के साथ 21.10.2022 को जनजातीय कार्य मंत्री की अध्यक्षता में एक बैठक आयोजित की गई थी।
– डिजिटल उद्यमिता के माध्यम से जनजातीय समुदायों के उत्थान के लिए जीओएएल कार्यक्रम का दूसरा चरण 28 जून 2022 को लांच किया गया।
जनजातीय कार्य मंत्री श्री अर्जुन मुंडा ने गोईंग ऑनलाइन ऐज लीडर्स (जीओएएल) कार्यक्रम का दूसरा चरण आरंभ किया। यह कार्यक्रम जनजातीय कार्य मंत्रालय तथा मेटा ( फेसबुक ) की एक संयुक्त पहल है। जीओएएल 2.0 पहल का लक्ष्य देश के जनजातीय समुदायों के बीच उद्यमिता को बढ़ावा देने के जरिये 10 लाख युवाओं को डिजिटल रूप से कौशल प्रदान करना है तथा उनके लिए डिजिटल प्रौद्योगिकी का उपयोग करने के लिए अवसरों को खोलना है।
– जनजातीय शिल्प, संस्कृति, भोजन और वाणिज्य की भावना के उत्सव-आदि बाजार का उद्घाटन भोपाल के भोपाल हाट में हुआ
जैविक जनजातीय उत्पादों और हस्तशिल्प वेयर सामानों वाले एक जीवंत प्रदर्शनी-आदि बाजार का उद्घाटन वर्चुअल तरीके से ट्राइफेड के उपाध्यक्ष श्री पबित्र कुमार कान्हार की उपस्थिति में 21 मार्च, 2022 को ट्राइफेड के अध्यक्ष श्री रामसिन्ह राठवा द्वारा किया गया। इस 10 दिवसीय प्रदर्शनी का आयोजन 21 मार्च से 30 मार्च 2022 को भोपाल के भोपाल हाट में किया गया और इसमें देश भर के 15 से अधिक राज्यों का प्रतिनिधित्व करने वाले 70 से अधिक स्टालों को प्रदर्शित किया गया था।
ये आदि बाजार वंचित जनजातीयों की आजीविकाओं में सुधार लाने के लिए ट्राइफेड के सघन प्रयासों का हिस्सा हैं जो पिछले दो वर्षों में प्रमुख रूप से प्रभावित हुए हैं।
– ट्राइफेड ने 8 मार्च 2022 को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर आजीविका सृजन के क्षेत्र में 75 जनजातीय महिलाओं की उपलब्धियों को सम्मानित किया
– श्री अर्जुन मुंडा ने ट्राइफेड के 14 शहद किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) का उद्घाटन किया
– महाराष्ट्र में ट्राइफेड ने 14 जून, 2022 को आदि चित्र कार्यक्रम का आयोजन किया।
– अब तक 3225 वन धन विकास केंद्र स्वीकृत
– केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्री श्री अर्जुन मुंडा ने 21 जून, 2022 को झारखंड के खुंटी के बिरसा मुंडा महाविद्यालय के आईवाईडी समारोहों का नेतृत्व किया।
भारत सरकार ने ‘ मानवता के लिए योग ‘ की थीम के साथ 21 जून, 2022 को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस ( आईवाईडी ) 2022 का समारोह मनाया। अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 2022 को इस वर्ष 75वें आजादी का अमृत महोत्सव के रूप में मनाया जा रहा है। आजादी का अमृत महोत्सव समारोहों के साथ 8वें आईवाईडी को समेकित करते हुए, प्रधानमंत्री द्वारा योग प्रदर्शनों के साथ मिल कर 75 केंद्रीय मंत्रियों के नेतृत्व में देश भर में 75 प्रतिष्ठित स्थानों पर सामूहिक योग प्रदर्रूानों का आयोजन किया गया।
– टाटा इलेक्ट्रोनिक्स लिमिटेड तथा जनजातीय कार्य मंत्रालय द्वारा झारखंड के 4 जिलों में एसटी लड़कियों का मेगा भर्ती अभियान आयोजित किया गया
टाटा इलेक्ट्रोनिक्स लिमिटेड द्वारा 18-19 सितंबर, 2022 को जनजातीय कार्य मंत्रालय के समन्वय के साथ खूंटी, सरायकेला, चाईबासा और सिमडेगा में दो दिवसीय भर्ती अभियान का आयोजन किया गया था। इस अभियान की शुरुआत केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्री श्री अर्जुन मुंडा के प्रयासों से माननीय प्रधानमंत्री के जन्मदिवस के अवसर पर मनाये जा रहे स्वच्छता पखवाड़े के दौरान की गई थी।
इस पहल को बहुत अच्छी प्रतिक्रिया प्राप्त हुई और जिले के ग्रामीण क्षेत्रों से भर्ती मुहिम में 2600 से अधिक लड़कियों और युवतियों ने भाग लिया जिसमें से 1898 लड़कियों का दो दिनों में चयन किया गया।
– जनजातीय कार्य मंत्रालय ने झारखंड के सरायकेला खरसवान में एक दिवसीय मेगा स्वास्थ्य शिविर ‘ अबुआ बुगिन होडमो – हमारा बेहतर स्वास्थ्य का आयोजन किया
जनजातीय कार्य मंत्रालय ने झारखंड के सरायकेला खरसवान में 4 दिसंबर, 2022 को सफलतापूर्वक एक दिवसीय निशुल्क मेगा स्वास्थ्य शिविर ‘ अबुआ बुगिन होडमो – (हमारा बेहतर स्वास्थ्य) का आयोजन किया। जून, 2022 में खूंटी शिविर की सफलता के बाद राज्य में जनजातीय लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं देने वाला यह दूसरा सफल स्वास्थ्य शिविर था।
मेगा स्वास्थ्य शिविर का आयोजन संयुक्त रूप से जनजातीय कार्य मंत्रालय, आयुष मंत्रालय, एनएचआरएम, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, टाटा स्टील फाउंडेशन और जिला प्रशासन द्वारा किया गया था जिसमें जनजातीय समाज के लिए बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं तथा संबंधित सुविधाओं की परिकल्पना की गई थी। कार्यक्रम में उल्लेखनीय भागीदारी करने वालों में केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्री श्री अर्जुन मुंडा, झारखंड सरकार के परिवहन मंत्री श्री चम्पई सोरेन, सांसद (जमशेदपुर) श्री बिद्युत बरन महतो शामिल थे।
– प्रधानमंत्री आदि आदर्श ग्राम योजना (पीएमएएजीवाई): संयोजन के माध्यम से जनजातीय बहुल गांवों का समग्र विकास
जनजातीय कार्य मंत्रालय ने 2021-22 से 2025-26 के दौरान कार्यान्वयन के लिए ‘ प्रधानमंत्री आदि आदर्श ग्राम योजना (पीएमएएजीवाई) नामकरण के साथ जनजातीय उप-योजना (एससीए से टीएसएस) के लिए ‘विशेष केंद्रीय सहायता की पिछली योजना का पुनरोद्धार किया है, जिसका लक्ष्य लगभग 4.22 करोड़ ( कुल जनजातीय आबादी का लगभग 40 प्रतिशत ) की जनसंख्या को कवर करते हुए उल्लेखनीय जनजातीय आबादी के साथ गांवों का समेकित विकास करना है। इसमें अधिसूचित एसटी के साथ सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में कम से कम 50 प्रतिशत जनजातीय आबादी और 500 एसटी वाले 36,428 गांवों को कवर करने की परिकल्पना की गई है। इस स्कीम का मुख्य उद्वेश्य संयोजन दृष्टिकोण के माध्यम से चयनित गांवों का समेकित सामाजिक- आर्थिक विकास अर्जित करना है। 2021-22 तथा 2022-23 के दौरान कुल लगभग 16554 गांवों का लिया गया है। अभी तक, 1927.00 करोड़ रुपये की राशि पहले ही राज्यों को जारी की जा चुकी है।
– अक्टूबर, 2022 में आयोजित लंबित मामलों 2.0 के निपटान के लिए विशेष अभियान के तहत, विभिन्न मापदंडों में मंत्रालय का निष्पादन इस प्रकार रहा है :
क्रम संख्या | मापदंड
|
टार्गेट | उपलब्धि |
1 | सांसदों से संदर्भ | 32 | 27 |
2 | आईएमसी संदर्भ (कैबिनेट प्रस्ताव) | 06 | 06 |
3 | राज्य सरकार के संदर्भ | 01 | 01 |
4 | लोक शिकायत | 120 | 120 |
5 | पीएमओ संदर्भ | 13 | 13 |
6 | लोक शिकायत अपील | 31 | 31 |
7 | नियमों/प्रक्रियाओं को सरल बनाना | 0 | 0 |
8 | रिकॉर्ड प्रबंधन (फाइल)
ए. भौतिक फाइल बी. ई फाइल |
1032 ( समीक्षा के कारण)
183 (वीडिंग के लिए चिन्हित )
764 ( समीक्षा के लिए रखी गई ) |
1032 ( समीक्षित )
183 ( वीड की गई )
460 ( बंद ) |
मुक्त की गई जगह | 0 वर्ग. फुट | 0 वर्ग. फुट | |
10 | स्वच्छता अभियान | 41 | 41 |
11 | अर्जित राजस्व | 0 रुपये. | 0 रुपये |
अनुलग्नक -1
छात्रवृत्ति योजनाओं के तहत 1 अप्रैल 2022 से 31 दिसंबर 2022 तक व्यय एवं लाभार्थियों के विवरण
रूपये करोड़ में
|
स्कीम का नाम | वित्तीय वर्ष 2022-23 | |
व्यय (31 दिसंबर 2022 तक) | लाभार्थियों की संख्या
|
||
1 | अनुसूचित जनजाति के छात्रों के लिए मैट्रिक-पूर्व छात्रवृत्ति, | 216.79 | 553757 |
2 | अनुसूचित जनजाति के छात्रों के लिए मैट्रिक-पश्चात छात्रवृत्ति, | 1801.47 | 2078363 |
3 | अनुसूचित जनजाति के छात्रों के लिए उच्चतर शिक्षा के लिए राष्ट्रीय अध्येता स्कीम, | 95.28 | 2685 |
4 | अनुसूचित जनजाति के छात्रों ( टॉप क्लास ) के लिए उच्चतर शिक्षा के लिए राष्ट्रीय छात्रवृत्ति स्कीम,
|
34.64 | 2845 |
5 | अनुसूचित जनजाति के छात्रों को विदेशों में पढ़ने के लिए राष्ट्रीय ओवरसीज छात्रवृत्ति के लिए | 1.52 | 19 |
कुल
|
2149.70 | 2637669 |
अनुलग्नक – 2
क्रम संख्या | राज्य | जिला | प्रखंड | ईएमआरएस का नाम | मंजूरी का वर्ष | शिलान्यास का वर्ष | द्वारा आधारशिला रखी गई
|
1 | ओडिशा | मयूरभंज | रासगोविंदपुर | ईएमआरएस रासगोविंदपुर | 2021-22 | 16.04.2022 | केंद्रीय जनजातीय कार्य राज्य मंत्री श्री बिश्वेसर टुडु |
2 | ओडिशा | मयूरभंज | उडाला | ईएमआरएस उडाला | 2021-22 | 22.04.2022 | केंद्रीय जनजातीय कार्य राज्य मंत्री श्री बिश्वेसर टुडु |
3 | ओडिशा | मयूरभंज | सुक्रुती ( महुलडीहा ) | ईएमआरएस
सुक्रुती |
2021-22 | 23.04.2022 | केंद्रीय जनजातीय कार्य राज्य मंत्री श्री बिश्वेसर टुडु |
4 | नागालैंड | किफिर | किफिर | ईएमआरएस
किफिर |
2018-19 | 26.04.2022 | केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्री श्री अर्जुन मुंडा
|
5 | ओडिशा | कोरापुट | कुंदुरा | ईएमआरएस
कुंदुरा |
2021-22 | 30.04.2022 | केंद्रीय जनजातीय कार्य राज्य मंत्री श्री बिश्वेसर टुडु |
6 | महाराष्ट्र | नासिक | सुरगना | ईएमआरएस
सुरगना |
2018-19 | 13.05.2022 | केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्री श्री अर्जुन मुंडा
|
7 | ओडिशा | मयूरभंज | रारौन | ईएमआरएस
रारौन |
2020-21 | 19.05.2022 | केंद्रीय जनजातीय कार्य राज्य मंत्री श्री बिश्वेसर टुडु |
8 | गुजरात | नर्मदा | सागबारा | ईएमआरएस
सागबारा |
2017-18 | 09.08.2022 | गुजरात के मुख्यमंत्री श्री भूपेंद्रभाई पटेल |
9 | मध्य प्रदेश | बुरहानपुर | खाकनार | ईएमआरएस नेपानगर ( खाकनार ) | 2020-21 | 23.08.2022 | , मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान |
10 | मणिपुर | उखरुल | उखरुल नौर्थ | ईएमआरएस उखरुल नौर्थ | 2020-21 | 19.09.2022 | भारत सरकार के केंद्रीय शिक्षा एवं विदेश राज्य मंत्री डॉ. आर के रंजन सिंह |
11 | नागालैंड | माकोकचुंग | मांगकोलेम्बा | ईएमआरएस मांगकोलेम्बा | 2019-20 | 02.11.2022 | राष्ट्रपति, भारत सरकार श्रीमती द्रौपदी मुर्मू |
12 | नागालैंड | लौंगलेंग | लौंगलेंग | ईएमआरएस लौंगलेंग | 2020-21 | 02.11.2022 | राष्ट्रपति, भारत सरकार श्रीमती द्रौपदी मुर्मू |
13 | नागालैंड | माकोकचुंग | आंगपांगकोंग | ईएमआरएस आंगपांगकोंग | 2020-21 | 02.11.2022 | राष्ट्रपति, भारत सरकार श्रीमती द्रौपदी मुर्मू |
14 | नागालैंड | कोहिमा | बोत्सा | ईएमआरएस बोत्सा | 2020-21 | 02.11.2022 | राष्ट्रपति, भारत सरकार श्रीमती द्रौपदी मुर्मू |
15 | नागालैंड | ट्यूनसांग | नाकसेन | ईएमआरएस नाकसेन | 2020-21 | 02.11.2022 | राष्ट्रपति, भारत सरकार श्रीमती द्रौपदी मुर्मू |
16 | नागालैंड | जुनहेबोतो | जुनहेबोतो | ईएमआरएस जुनहेबोतो | 2020-21 | 02.11.2022 | राष्ट्रपति, भारत सरकार श्रीमती द्रौपदी मुर्मू |
17 | नागालैंड | पेरेन | पेरेन | ईएमआरएस पेरेन | 2020-21 | 02.11.2022 | राष्ट्रपति, भारत सरकार श्रीमती द्रौपदी मुर्मू |
18 | नागालैंड | ट्यूनसांग | नोकलाक | ईएमआरएस
नोकलाक |
2020-21 | 02.11.2022 | राष्ट्रपति, भारत सरकार श्रीमती द्रौपदी मुर्मू |
19 | नागालैंड | मोन | फोमचिंग | ईएमआरएस फोमचिंग | 2021-22 | 02.11.2022 | राष्ट्रपति, भारत सरकार श्रीमती द्रौपदी मुर्मू |
20 | नागालैंड | माकोकचुंग | सुरांगकोंग | ईएमआरएस सुरांगकोंग | 2021-22 | 02.11.2022 | राष्ट्रपति, भारत सरकार श्रीमती द्रौपदी मुर्मू |
अनुलग्नक – 3
क्रम संख्या | राज्य | जिला | प्रखंड | ईएमआरएस का नाम | मंजूरी का वर्ष | उद्घाटन की तिथि | द्वारा उद्घाटन किया गया
|
1 | केरल | पालाक्क्ड | एटापैडी | ईएमआरएस एटापैडी | 2017-18 | 22.07.2022 | केरल सरकार के अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं पिछड़ा वर्ग, देवासओम्स संसदीय कार्य मंत्री श्री के रशाकृष्णन
|
2 | केरल | कासरगोड | पाराप्पा | ईएमआरएस करिनथालम | 2018-19 | 16.07.2022 | केरल सरकार के अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं पिछड़ा वर्ग, देवासओम्स संसदीय कार्य मंत्री श्री के रशाकृष्णन
|
3 | गुजरात | साबरकंठ | पोशिना | ईएमआरएस पोशिना | 2015-16 | 04.10.2022 | राष्ट्रपति, भारत सरकार श्रीमती द्रौपदी मुर्मू |
4 | अरुणाचल प्रदेश
|
तिरप | खोन्सा | ईएमआरएस खेला | 2015-16 | 22.05.2022 | केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह द्वारा
|
5 | अरुणाचल प्रदेश | लेगरपाडा ( पूर्व में वेस्ट सियांग ) | तिरबिन | ईएमआरएस तिरबिन | 2016-17 | 22.05.202 | केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह द्वारा वर्चुअल तरीके से
|
6 | तेलंगाना | भद्राद्री कोठागुडा | पलवंचा | ईएमआरएस
पलवंचा |
2017-18 | 08.07.2022 | तेलंगाना की अनुसूचित जनजाति, महिला एवं बाल कल्याण मंत्री श्रीमती श्रीमती सत्यवती राठौड़ |
7 | सिक्किम | नामची | सदाम | ईएमआरएस
सुनतोले |
2015-16 | 19.08.2022 | केंद्रीय जनजातीय कार्य राज्य मंत्री श्रीमती रेणुका सरुता |
8 | तमिलनाडु | कांचीपुरम चेंगालपेट | कत्तनकुलाथुर तिरुपोरुर | ईएमआरएस
पट्टीपुलम
|
2017-18 | 02.11.2022 | तमिलनाडु के मुख्यमंत्री श्री एम के स्टालिन |
9 | आंध्र प्रदेश | पूर्वी गोदावरी | चिंतुर | ईएमआरएस
चिंतुर |
2018-19 | 04-12-2022 | राष्ट्रपति, भारत सरकार श्रीमती द्रौपदी मुर्मू |
10 | आंध्र प्रदेश | पूर्वी गोदावरी | राजवम्मांगी | ईएमआरएस
राजवम्मांगी |
2019-20 | 04-12-2022 | राष्ट्रपति, भारत सरकार श्रीमती द्रौपदी मुर्मू |
11 | आंध्र प्रदेश | विजिनागरम | गुम्मा लक्ष्मीपुरम | ईएमआरएस
जीएल पुरम |
2019-20 | 04-12-2022 | राष्ट्रपति, भारत सरकार श्रीमती द्रौपदी मुर्मू |
12 | आंध्र प्रदेश | पश्चिम गोदावरी | बुट्टायागुडेम | ईएमआरएस बुट्टायागुडेम | 2019-20 | 04-12-2022 | राष्ट्रपति, भारत सरकार श्रीमती द्रौपदी मुर्मू |