
संजीव बालियान इन दिनों पश्चिमी उत्तर प्रदेश के इलाकों में घूम-घूमकर सस्ती जाट समुदाय को नए कृषि कानूनों के फायदे समझा रहे हैं (फोटो: एएनआई)
केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान (संजीव बाल्यान) ने कहा कि किसानों के बीच गलत धारणा फैल गई है कि इन कानूनों के लागू होने पर वह अपनी जमीन खो देंगे, और उन्हें अपनी फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) प्राप्त नहीं होगा। संभवत: हम उन्हें इन कानूनों की खूबियां भुगतने में नाकाम रहे हैं
- News18Hindi
- आखरी अपडेट:24 फरवरी, 2021, 9:55 PM IST
पश्चिमी उत्तर प्रदेश में खेती करने वाले प्रतिकूल जाट समुदाय से ताल्लुक रखने वाले संजीव बालियान ने कहा कि किसानों के कुछ उचित मुद्दे भी हैं, जैसे पिछले कुछ साल से गन्ने की कीमत नहीं बढ़ी है, इसका समाधान आवश्यक है। उन्होंने कहा कि किसानों के बीच गलत धारणा फैल गई है कि इन कानूनों के लागू होने पर वह अपनी जमीन खो देंगे, और उन्हें अपनी फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) प्राप्त नहीं होगा। संभवत: हम उन्हें इन कानूनों की खूबियां भुगतने में नाकाम रहे हैं।
किसानों द्वारा कानून के जिन प्रावधानों का प्रमुखर विरोध किया जा रहा है, उनके बारे में सवाल करते हुए बीजेपी नेता ने कहा कि केंद्र सरकार संशोधन के लिए तैयार है। आगे का रास्ता क्या है, इस संबंध में किए गए सवालों पर बालियान ने कहा कि वे जल्दी इसका समाधान निकलने की आशा करते हैं। उन्होंने कहा कि मैं किसानों के मुद्दों को केंद्र और राज्य दोनों सरकारों के समक्ष (सामने) उठाउंगा।
उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव और किसान आंदोलन के उस पर संभावित प्रभाव के संदर्भ में बालियान ने कहा, नर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता और योगी आदित्यनाथ सरकार के कामकाज के सहारे पार्टी क्षेत्र में अच्छा प्रदर्शन होगा।’बता दें ” के खिलाफ हरियाणा, पश्चिम उत्तर प्रदेश और राज्य में जाट महापंचायतों के आयोजन की पृष्ठभूमि में बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व ने पार्टी के विधायकों, सांसदों और राज्य में अन्य नेताओं से आगे बढ़कर किसानों और खापों से संपर्क साधने को कहा है। (भाषा से इनपुट)