विकास के दावों की पोल खोल रही है, क्षेत्र में जर्जर हो चुकी ग्रामीण सड़के
नीमच। विधानसभा क्षेत्र में कितने विकास हुए और कैसे विकास कार्य किए गए, इन दावों की पोल खोल रही है, जर्जर सड़के। जिन पर बड़े-बड़े गड्ढे हो चुके हैं और बारिश के मौसम में ग्रामीणों की फजीहत हो रही है। बावजूद हमारे निर्वाचित जनप्रतिनिधि जनता की समस्या के प्रति गंभीर नहीं है।
ये आरोप कांग्रेस नेता हरीश दुआ ने प्रेस नोट के माध्यम से लगाया है। उन्होंने बताया कि नीमच विधानसभा के कई ग्रामीण क्षेत्र ऐसे हैं, जिनमें या तो सड़कों की हालात खराब है, या फिर वषा~ से गांव तक पहुंचाने वाले मागा~ पर सड़क का निर्माण नहीं हुआ है। ऐसे में ग्रामीणों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है। श्री दुआ ने कहा कि बात नीमच विधानसभा के अंतर्गत आने वाले जीरन तहसील करें, तो राजस्थान से जुड़े गांवों की सड़कों भारी वाहनों के अवैध संचालन से खस्ताहाल हो चुकी है, जिसकी शिकायत कई बार ग्रामीण प्रशासन और जनप्रतिनिधियों को कर चुके हैं, लेकिन सड़कों की हालात में कोई सुधार नहीं हुआ है। इसके अलावा जीरन से दलपतपुरा वाली भी गांवों को जोड़ने की प्रमुख सड़क है, पर उसके हालात भी खस्ता हो चुके हैं। पंचायत चुनाव के दौरान कराड़िया महाराज क्षेत्र में खराब सड़क के कारण ग्वाल देविया के ग्रामीणों ने सत्तापक्ष के जनप्रतिनिधियों का विरोध भी किया था और गांव में प्रवेश पर रोक लगा दी थी, जिसके कारण जनप्रतिनिधियों को अपना रास्ता बदलना पड़ा था।
कांग्रेस नेता हरीश दुआ ने कहा कि नीमच विधानसभा क्षेत्र के ग्रामीण क्षेत्रों में सड़क आदि मूलभूत सुविधाओं वाले विकास काया~ को कराने में दलगत राजनीति भी की जा रही है। सत्ता पक्ष के जनप्रतिनिधि विपक्ष समर्थित सरपंचों की पंचायतों में विकास कार्य कराने में रूचि नहीं दिखाते हैं। इसके कई उदाहरण सामने आ चुके हैं। ग्रामीण आए दिन जनसुनवाई में कलेक्टर को शिकायत करते हैं, पर दलगत राजनीति की भावना के कारण विकास काया~ का खाका आगे नहीं बढ पता है और अधिकारी भी आश्वासन के अलावा कुछ नहीं कर पाते हैं।
जो सड़क और मार्ग स्वीकृत है, वे नहीं हो रहे शुरू-
दुआ ने कहा कि हमारे क्षेत्र के निर्वाचित जनप्रतिनिधि विधायक दावा करते हैं कि उन्होंने बीते साढे 4 सालों में विधानसभा क्षेत्र में अनेक विकास कार्य कराए, जिसमें सड़क निर्माण आदि कार्य शामिल हैं, लेकिन समस्या यह है कि अधिकांश कार्य स्वीकृत होने के बाद भी आरंभ नहीं हो पाए हैं, जिसको लेकर अधिकारियों के भी अपने बहाने हैं। कभी मौसम सड़कों के निर्माण में आड़े आ जाता है, तो कभी सरकार से बजट नहीं मिलने का बहाना बन जाता है। श्री दुआ ने दावा करते हुए कहा कि निर्वाचित जनप्रतिनिधि अगर एक बार पूरे विधानसभा क्षेत्र के ग्रामीण क्षेत्रों का भ्रमण कर ले, तो उनका पता चल जाएगा कि गांवों के क्या हालात है। बच्चों कीचड़ और गड्ढों भरी सड़कों के बीच स्कूल जाने को मजबूर है।
आखिर क्या कारण है कि भोपाल में नीमच का पलड़ा हल्का
कांग्रेस नेता श्री दुआ ने कहा कि शहर हो गांव विकास काया~ की स्वीकृति भोपाल से मिलती है, लेकिन कहीं न कहीं भोपाल में नीमच का पलड़ा हल्का नजर आता है। ऐसा क्यों है क्या नीमच विधानसभा क्षेत्र के ग्रामीण और शहरी क्षेत्र के रहवासी अपने क्षेत्र का विकास नहीं चाहते हैं या फिर हमारे जनप्रतिनिधि उचित फोरम पर नीमच का पक्ष रखने में कमजोर साबित हो रहे हैं। जब नीमच के जनप्रतिनिधि मुख्यमंत्री के करीब होने का दावा करते हैं, फिर क्यों हम विकसित नीमच विधानसभा के सपने में पिछड़े हुए हैं।