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कर्नाटक में 2023 के विधानसभा चुनाव मेरे लिए आखिरी होंगे: एच. डी. कुमारस्वामी

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एच. डी. कुमारस्वामी ने कहा कि कर्नाटक में 2023 का विधानसभा चुनाव उनका अंतिम चुनाव होगा।

मैसूरू: जनता दल (सेक्युलर) नेता एच. डी. कुमारस्वामी ने मंगलवार को कहा कि कर्नाटक में 2023 का विधानसभा चुनाव उनका अंतिम चुनाव होगा। उन्होंने लोगों से 5 वर्षों के लिए स्वतंत्र रूप से सरकार चलाने का अवसर देने को कहा ताकि वृहद जनहित में कार्यक्रमों को लागू किया जा सकें। कुमारस्वामी ने कहा, ‘मैं आपके आशीर्वाद से 2 बार मुख्यमंत्री रह चुका हूं। मैंने फैसला किया है कि 2023 विधानसभा चुनाव मेरी आखिरी लड़ाई होगी। मेरे लिए यह सत्ता में आने या मुख्यमंत्री बनने की बात नहीं है। ईश्वर की कृपा से बहुमत न होने के बावजूद मैं 2 बार मुख्यमंत्री रह चुका हूं।’

‘मैं एक चुनौती के साथ आगे बढ़ रहा हूं’

पार्टी कार्यकर्ताओं और जनता को संबोधित करते हुए उन्होंने उनसे आशीर्वाद मांगा और ‘पंचरत्न’ कार्यक्रमों को लागू करने के लिए स्वतंत्र रूप से JD (S) को सत्ता में लाने के लिए समर्थन देने को कहा। इन कार्यक्रमों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, स्वास्थ्य, आवासीय कृषि कल्याण और रोजगार शामिल हैं। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, ‘मैं एक चुनौती के साथ आगे बढ़ रहा हूं। मैं आपसे हाथ जोड़कर 5 वर्षों के लिए इस राज्य में एक स्वतंत्र सरकार चलाने का अवसर देने का अनुरोध करता हूं। मैं आपका आशीर्वाद मांगता हूं।’

‘छापे येदियुरप्पा को नियंत्रित करने की कोशिश’
JD (S) ने 2023 के विधानसभा चुनाव में पार्टी को सत्ता में लाने के लिए ‘123 सीटें जीतने के अभियान’ की पहले ही घोषणा कर दी है। इससे पहले JD (S) नेता ने दावा किया कि पूर्व मुख्यमंत्री बी. एस. येदियुरप्पा का निजी सहायक बताए जाने वाले व्यक्ति और जल संसाधन विभाग से संबंधित ठेकेदारों पर आयकर विभाग के हाल के छापे येदियुरप्पा को ‘नियंत्रित’ करने की भारतीय जनता पार्टी की कोशिश है। ये छापे येदियुरप्पा के देर रात कांग्रेस नेता सिद्दरमैया से मुलाकात करने के बाद मारे गए।

‘आय कर छापों का राजनीतिक उद्देश्य था’
कुमारस्वामी ने कहा, ‘राजनीति की थोड़ी बहुत जानकारी भी रखने वाला व्यक्ति भी यह समझ सकता है कि हाल के आय कर छापे किस वजह से मारे गए। आय कर छापों का राजनीतिक उद्देश्य था। यह येदियुरप्पा को नियंत्रित करने के लिए थे क्योंकि दोनों (सिद्दरमैया और येदियुरप्पा) ने राजनीतिक घटनाक्रम को लेकर देर रात बैठक की थी और केंद्र तथा राज्य दोनों में सत्तासीन बीजेपी को अपने सूत्रों से इसके बारे में पता चल गया और संभवत: उसने सख्ती कर दी।’




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