
INS विराट: गुजरात के अलंग में नौसेना सेवा से हटाए जा चुके युद्धपोत को तोड़ा जाना है
नई दिल्ली:
रक्षा मंत्रालय (रक्षा मंत्रालय) ने नौसेना के विमानवाहक पोत विराट (युद्धपोत विराट) को टूटने से बचाने के लिए पेश की गई योजना को स्पष्ट रूप से खारिज कर दिया गया है। गुजरात (गुजरात) में शिपब्रेकर इसे तोड़कर बॉक्स (कबाड़) में बदलने की तैयारी कर रहे हैं। NDTV को पता चला है कि ये योजना पेश करने वाली मेसर्स एनडेनेक रोगी कंसलटेंट्स (एनविटेक मरीन कंसल्टेंट्स) प्रा। लि। अब अपनी मांग को लेकर अगले सप्ताह सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की जा सकती है। विराट भारतीय नौसेना का कभी मुख्य युद्धपोत (भारतीय नौसेना विमान वाहक) था।
यह भी पढ़ें
यह भी पढ़ें- अंतिम यात्रा पर INS विराट, ब्रिटेन और भारतीय नेवी को सेवा देने वाला एकमात्र युद्धपोत
एनवीटेक मरीन कंसल्टेंट्स प्रा। लि। यह युद्धपोत को खरीदना चाहता था और इसे गो की सरकार के साथ मिलकर संग्रहालय में तब्दील करने की इच्छा है। कंपनी अब अपनी मांग को लेकर अगले सप्ताह सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर कर सकती है ।बांबे हाईकोर्ट ने इस मामले में केंद्र सरकार से अपना रुख स्पष्ट करने को कहा था। मंत्रालय ने कहा। “याचिकाकर्ता द्वारा विराट को संग्रहालय में बदलने के लिए अनापत्ति प्रमाणपत्र देने की मांग को स्वीकार नहीं किया जा सकता है।”
मंत्रालय का दावा है कि अलंग स्थित शिपब्रेकर कंपनी श्री राम ग्रुप ऑफ इंडस्ट्रीज, जिसने नौसेना की सेवा खत्म होने के बाद इसे खोला था, वह इस प्रस्ताव के पक्ष में नहीं है। श्री राम ग्रुप ऑफ इंडस्ट्रीज ने हाईकोर्ट के समक्ष पेश के साथ अपना पक्ष स्पष्ट किया है। समूह ने कहा है कि वह ब्रेककर पट्टा में तब्दील करने की योजना से अलग किसी और प्रस्ताव में शामिल होने को तैयार नहीं। अविंबना है कि NDTV को सितंबर में दिए गए एक बयान में श्री राम ग्रुप (श्री राम ग्रुप) के चेयरमैन और एमडी मुकेश पटेल ने कहा था कि वह सबसे बड़ी बोली लगाने वाले को युद्धपोत बेचना चाहता है।