आजीविका मिशन की टीम ने सतत जीविकोपार्जन योजना की बारीकियों को समझा

ध्रुव कुमार सिंह, मुजफ्फरपुर, बिहार,
राजस्थान राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन की टीम ने सतत जीविकोपार्जन योजना की बारीकियों को समझा
बिहार राज्य में चलाए जाने वाले सतत जीविकोपार्जन योजना को राजस्थान में किस तरह से लागू किया जाए, इसके लिए राजस्थान और नड्ज़ कि 10 सदस्यों की एक टीम मुजफ्फरपुर में जीविका के क्रियाकलापों को समझने आई। इस टीम ने मुजफ्फरपुर जिले के आनंद महिला संकुल स्तरीय संघ, सकरा और खुशी महिला संकुल स्तरीय संघ, मीनापुर का भ्रमण किया और इस दौरान अत्यंत गरीब परिवारों को किस तरह से सतत जीविकोपार्जन योजना के माध्यम से जोड़ा गया है, कैसे उनकी आमदनी बढ़ाई गई है और कैसे पूरी रिपोर्टिंग और मॉनिटरिंग की प्रक्रिया होती है,इसकी बारीकियों को राजस्थान टीम के सदस्यों ने जाना। इस बारे में जानकारी देते हुए जिला परियोजना प्रबंधक अनीशा ने बताया कि सतत जीविकोपार्जन योजना के तहत अत्यंत गरीब परिवारों को जीविकोपार्जन के कई गतिविधियों से जोड़ा जाता है। जिसमें ग्राम संगठन की भूमिका महत्वपूर्ण होती है। ग्राम संगठन स्तर पर दीदियों का चयन कर उनकी सहमति से लाभार्थी के लिए कारोबार चुना जाता है और इस कारोबार में लगने वाली संपत्ति की खरीदारी ग्राम संगठन की दीदीया करती हैं। मास्टर रिसोर्स पर्सन के द्वारा अत्यंत गरीब दीदियों से रोज मुलाकात कर उन्हें प्रोत्साहित किया जाता है और उनके रोजगार में होने वाली समस्याओं का निदान किया जाता है। सकरा के आनंद सीएलएफ में पहुंचे राजस्थान एसआरएलएम के सदस्यों ने काफी देर तक अलग-अलग गतिविधि करने वाली महिलाओं से बातचीत की और उनको हुई आमदनी के बारे में विशेष रूप से जानकारी प्राप्त की। इस मौके पर वाईपी खुशबू कुमारी, धीरज कुमार, बीपीएम सकरा मो.कैफ, ज्योति कुमारी, रजनी कुमारी, ज्योत्सना कुमारी, हरे राम सिंह, रिंकी कुमारी, संगीता कुमारी, मीनापुर में प्रणव कुमार, महावीर कुमार,सरोज कुमारी सहित कई जीविका दीदी उपस्थित थी।