बन सकता है जीत का समीकरण
आगरा नगर निगम मतदाताओं की संख्या करीब 13 लाख 57 हजार है। इसमें ज्यादातर वोटर दलित हैं। अगर ‘जाटवÓ जाति के मतदाताओं की संख्या पर गौर करें तो करीब 3 से 3.5 लाख हैं। इसके अलावा मुस्लिम समाज के भी करीब एक से डेढ़ लाख वोटर हैं। इसके अलावा वैश्य, ब्राह्मण और अन्य जातियां शामिल हैं। लंबे समय से राजनीति में सक्रिय देव कुमार साकेत का कहना है कि शहरी क्षेत्र में बीजेपी की स्थिति मजबूत है, लेकिन ग्राम पंचायतों के नगर निगम में शामिल हो जाने से विपक्षी दलों को वोट बैंक मजबूत हुआ है। इसके अलावा चौधरी बशीर ने मुस्लिम समुदाय के 35 हजार वोट हासिल किए थे जो इस बार नहीं हो होगा। अगर मुस्लिम वोट बीएसपी को मिल गया तो बीजेपी के लिए मुश्किल खड़ी हो सकती है।
सुरक्षित सीट पर घट गया था मार्जिन
बीजेपी की लहर 2017 में बीजेपी के नवीन जैन ने बीएसपी के दिगंबर सिंह धाकरे को 74 हजार रिकॉर्ड मतों से शिकस्त दी थी, लेकिन इससे पूर्व 2012 में आरक्षित सीट पर बीजेपी के इंद्रजीत आर्य का बीएसपी के करतार सिंह भारतीय से कड़ा मुकाबला हुआ था और 12 हजार वोटों से बीजेपी चुनाव जीत गई। मुस्लिम समाजसेवी समी अगाई का कहना है कि दलित और मुस्लिम गठजोड़ बीजेपी को चुनौती दे सकता है। बशर्ते की बीएसपी सही कैंडीडेट का चयन करे। इस बार मुस्लिम प्रत्याशी भी मैदान में नहीं उतरेगा और बीजेपी को हराने वाले प्रत्याशी को ही मुस्लिम समाज वोट करेगा।
रिपोर्टः सुनील साकेत
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