मजदूरों को मिष्ठान, श्रद्धेय अटल जी को पुष्पांजलि, सिलाई प्रशिक्षण कार्यशाला का शुभारंभ, अटल गीतांजलि मना कर हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट ने मनाई श्रद्धेय अटल बिहारी बाजपेई जी की 98वी जन्म जयंती |
लखनऊ भारत के पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न श्रद्धेय श्री अटल बिहारी बाजपेई जी की 98वी जन्म जयंती के उपलक्ष्य में हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के 25/2G, सेक्टर 25, इंदिरा नगर स्थित कार्यालय में “जन्म जयंती आयोजन” कार्यक्रम किया गया |
कार्यक्रम के अंतर्गत गरीबो मजदूरों मे मिष्ठान वितरण, माननीय श्री अटल बिहारी वाजपेई जी की प्रतिमा पर पुष्पांजलि, त्रैमासिक निशुल्क सिलाई प्रशिक्षण कार्यशाला का शुभारंभ व अटल गीतांजलि का आयोजन किया गया |
कार्यक्रम में सर्वप्रथम ट्रस्ट के प्रबंध न्यासी हर्ष वर्धन अग्रवाल, ट्रस्ट के स्वयंसेवकों द्वारा अटल जी की जन्म जयंती पर लेबर अड्डा, इंदिरा नगर में उपस्थित सभी गरीब श्रमिकों को मिष्ठान वितरण किया गया | 250 से अधिक श्रमिक मिष्ठान पाकर अत्यंत खुश हुए व ट्रस्ट के सभी लोगों को धन्यवाद दिया |
हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के प्रबंध न्यासी हर्ष वर्धन अग्रवाल, न्यासी डॉ रूपल अग्रवाल, ट्रस्ट के स्वयंसेवकों व सेक्टर 25 के क्षेत्रीय निवासियों द्वारा माननीय पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी बाजपेई जी की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें सादर नमन किया गया| इस अवसर पर हर्ष वर्धन अग्रवाल ने कहा कि “माननीय अटल जी एक महान राजनेता व हिंदी के विख्यात कवि व प्रबुद्ध पत्रकार थे | आज अटल जी की 98वी जन्म जयंती पर हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया गया है | अटल जी के व्यक्तित्व को शब्दों में बयान नहीं किया जा सकता क्योंकि वह बहुआयामी प्रतिभा के धनी थे | देश के समुचित विकास हेतु उनके द्वारा किए गए कार्यों के लिए हम सभी उनके ऋणी हैं व उनको शत शत नमन करते हैं|
माननीय अटल जी कहा करते थे कि “शिक्षा का अधिकार सबसे महत्वपूर्ण अधिकार है | हमें जरूरतमंदों को शिक्षा देनी चाहिए |” अटल जी की इन्हीं पंक्तियों से प्रेरणा लेकर उनकी जन्म जयंती पर हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा “त्रैमासिक निशुल्क सिलाई प्रशिक्षण कार्यशाला” का शुभारंभ किया गया | कार्यशाला के अंतर्गत 22 महिलाओं/ छात्राओं ने पंजीकरण कराया तथा प्रशिक्षण प्राप्त कर माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार करने की शपथ ली |
अटल जी की कविताएं हर उम्र के लोगों के बीच हमेशा लोकप्रिय रही है व सभी के लिए प्रेरणा स्रोत हैं | अतः अटल जी की जन्म जयंती पर ट्रस्ट द्वारा “अटल गीतांजलि” कार्यक्रम का आयोजन किया गया | कार्यक्रम के अंतर्गत श्री रामायण धर द्विवेदी (गीतकार) ने एकल काव्य पाठ किया तथा सभी श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया | श्री रामायण धर द्विवेदी जी ने अटल गीतांजलि कार्यक्रम का शुभारंभ माननीय अटल जी द्वारा रचित कुछ प्रेरणादायी कविताओं के साथ की | उन्होंने अटल जी की बहुत मशहूर कविता “क्या खोया क्या पाया जग में”, “गीत नया गाता हूं”, “बाधाएं आती हैं आए, घिरे प्रलय की घोर घटाएं” की प्रस्तुति दी व उसके बाद स्वरचित कविताएं “मुश्किलों का हल तुम्हें मिल जाएगा, मरुस्थल में जल तुम्हें मिल जाएगा”, “भीत खड़ी करनी छोड़ो, सागर पर सेतु बना डालो”, “अंधियारे में तीर चलाना, कठिन लगन से आंख चुराना”, “दोष सभी अपने सर रखना, श्रेय राम का कह देना”, “जीवन में कोमल रहना, कमजोर नहीं होना”, “जुगनू जैसी जलती बुझती, छोटी-छोटी आशाएं” सुना कर आशावादी विचारों को बल दिया तथा कार्यक्रम के समापन में अटल जी की एक बहुत ही ख्याति प्राप्त रचना “आओ फिर से दिया जलाएं” प्रस्तुत की | जन्म जयंती आयोजन में हर्ष वर्धन अग्रवाल, डॉ रूपल अग्रवाल, सेक्टर 25 के निवासियों व ट्रस्ट के स्वयंसेवकों की गरिमामयी उपस्थिति रही